जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मांग, प्रासिक्यूटिंग आफिसर्स की मेन परीक्षा रद हो
एसोसिएशन के प्रधान सीनियर एडवोकेट एमके भारद्वाज ने सोमवार को जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से 31 जनवरी से दस फरवरी के बीच यह परीक्षा करवाई जानी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रॉसिक्यूटिंग आफिसर्स की मेन परीक्षा रद करने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा है कि इस समय कोरोना महामारी काफी तेजी से फैल रही है और ऐसे हालात में जब कोई घर से बाहर नहीं निकला चाहता, इस परीक्षा को हालात सामान्य होने तक स्थगित किया जाना चाहिए।
एसोसिएशन ने कहा है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य कमेटी ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में कोविड-19 के सामुदायिक स्तर पर फैलने की पुष्टि की है जोकि काफी संवेदनशील स्थिति है, ऐसे में यह परीक्षा करवाना, अभ्यर्थियों व स्टॉफ को खतरे में डालने के बराबर होगा। एसोसिएशन के प्रधान सीनियर एडवोकेट एमके भारद्वाज ने सोमवार को जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से 31 जनवरी से दस फरवरी के बीच यह परीक्षा करवाई जानी है और कई रिपोर्ट इस बात का संकेत दे रही है कि इसी अवधि के दौरान कोरोना महामारी अपने शिखर पर पहुंचने वाली है।
भारद्वाज ने कहा कि काफी अभ्यर्थियों ने बार एसोसिएशन से यह परीक्षा स्थगित करवाने की मांग को लेकर संपर्क किया है, लिहाजा उनकी पीएससी के चेयरमैन से यहीं अपील है कि मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षा स्थगित कर दी जाए। संवाददाता सम्मेलन के दौरान एसोसिएशन के वरिष्ठ उप-प्रधान एमपी सिंह, महासचिव सुरजीत सिंह, सह-सचिव आदित्य शर्मा, कोषाध्यक्ष अमनदीप सिंह, यंग लायर्स एसोसिएशन के प्रधान रोहित शर्मा, उप-प्रधान गगनदीप सिंह, महासचिव यासीर अहमद, सह-सचिव कर्णजीत सिंह व कोषाध्यक्ष नरेश कुमार मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इन तारीख पर होनी है परीक्षा
31 जनवरी : अंग्रेजी
पहली फरवरी : लीगल ड्राफ्टिंग एंड प्लीडिंग
दो फरवरी : संवैधानिक कानून
तीन फरवरी : कोड ऑफ क्रीमिनल प्रोसिजर 1973
सात फरवरी : आइपीसीए 1860
आठ फरवरी : इंडियन एवीडेंस एक्ट 1872
नौ फरवरी : स्पेशल लॉ 1
दस फरवरी : स्पेशल लॉ 2