जम्मू-कश्मीर में अब सरकारी नौकरियों के लिए कोई भी नियुक्ति एसआरओ 202 के तहत नहीं होगी
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपराज्यपाल प्रशासन से आग्रह किया है कि एसआरओ 202 हटाए जाने के बाद अब सरकार को पांच साल से काम कर रहे कर्मचारियों का बकाया वेतन भी जारी करना चाहिए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में अब सरकारी नौकरियों के लिए कोई भी नियुक्ति राज्य नियामक आदेश (SRO) 202 के तहत नहीं होगी। भर्ती एजेंसियों को पहले से रेफर किए गए पदों को भी अब इस एसआरओ से बाहर कर दिया गया है।
सूचना विभाग के प्रमुख सचिव और सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों और युवाओं के हित में एतिहासिक फैसला लिया है। सíवस सिलेक्शन बोर्ड और पब्लिक सíवस कमीशन को पहले रेफर किए गए पद, जिसमें लिखित परीक्षा हो चुकी है पर साक्षात्कार नहीं हुए हैं। जिन मामलों में साक्षात्कार हो चुके हैं, लेकिन परिणाम घोषित नहीं हुआ है। चयन हो चुका है, लेकिन आदेश जारी नहीं हुआ है। इन सभी को SRO 202 के दायरे से बाहर किया जा रहा है। इस संबंध में शीघ्र आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा एसआरओ 202 के नियम आठ में बदलाव करते हुए पांच साल के प्रोबेशन अवधि को कम करके दो साल कर दिया गया है। उपराज्यपाल प्रशासन ने बेरोजगार युवकों की लंबित मांग को पूरा करने के साथ ही पहले से काम कर रहे करीब 10 हजार कर्मचारियों को भी राहत प्रदान की है।
एसआरओ 202 हटाने के फैसले से भाजपा उत्साहित: प्रदेश भाजपा जम्मू कश्मीर में एसआरओ 202 हटाने के फैसले से उत्साहित है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष र¨वद्र रैना ने कहा कि अब सरकारी नौकरियां हासिल करने वाले युवाओं से इंसाफ हुआ है। मंगलवार को जम्मू के त्रिकुटानगर में पार्टी मुख्यालय में रैना ने इस फैसले के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का आभार जताया। इसके बाद उपराज्यपाल प्रशासन ने एसआरओ को हटाने का आदेश जारी कर दिया।
कर्मचारी विरोधी सभी फैसलों की समीक्षा करे सरकार: प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपराज्यपाल प्रशासन से आग्रह किया है कि युवा और कर्मचारी विरोधी फैसलों की समीक्षा करते हुए उन्हें वापस लिया जाना चाहिए। एसआरओ 202 हटाए जाने के बाद अब सरकार को पांच साल से काम कर रहे कर्मचारियों का बकाया वेतन भी जारी करना चाहिए। इस एसआरओ के तहत सरकारी नौकरी के मिलने पर पहले पांच साल तक प्रोबेशन पर काम करना पड़ता था। इस दौरान आधा वेतन ही देने का प्रावधान है।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता र¨वद्र शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि सरकार ने एसआरओ 202 को वापस लेने में पांच साल लगा दिया।