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सैन्य सम्मान से हुई शहीदों की अंत्येष्टि

राज्य ब्यूरो, जम्मू : अखनूर के केरी बट्टल में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की साजिश नाकाम ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 02:43 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 02:43 AM (IST)
सैन्य सम्मान से हुई शहीदों की अंत्येष्टि
सैन्य सम्मान से हुई शहीदों की अंत्येष्टि

राज्य ब्यूरो, जम्मू : अखनूर के केरी बट्टल में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की साजिश नाकाम बनाते शहीद हुए सेना के तीन जांबाज सोमवार को पंचत्तव में विलीन हो गए। गम, गुस्से के माहौल में हजारों लोगों ने देश के लिए जान देने वाले वीरों को उनके पैतृक गांवों में अंतिम विदाई दी। शहीदों के साथ यूनिट के वे जवान भी आए थे जिन्होंने रविवार को पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम के आतंकवादियों को मार गिराने के अभियान में हिस्सा लिया था। उनके चेहरों पर साथियों की मौत का बदला लेने का जुनून साफ दिखाई दे रहा था।

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सेना की 8 जैकलाई के तीन जवानों, जम्मू जिले के प्लांवाला के राइफलमैन रजत कुमार बसन, राजौरी के नौशहरा के डींग के हवलदार कौशल कुमार व डोडा जिले के गाम के लांस नायक रंजीत ¨सह की अंत्येष्टि उनके गांवों में सैन्य सम्मान के साथ हुई। जवानों ने शस्त्र उलटे कर कर जवानों को सलामी देने के साथ हवा में गोलियां भी चलाई। सेना, नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ क्षेत्र के निवासी मौजूद थे। इससे पहले सुबह 11 बजे अखनूर के सैन्य अस्पताल में सेना के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर सेना की सोलह कोर, क्रास स्वार्डस डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुलिस, नागरिक प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

सीमावर्ती प्लांवाला के निवासी रजत की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि दोपहर साढ़े तीन बजे लोहाकी खडड (लाम) में हुई। सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जैकलाई का शहीद अपने घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित केरी बट्टल में देश की सेवा का जिम्मा संभाल रहा था। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए प्लांवाला में सेना की 8 जैकलाई के अधिकारी, जवान, छंब के विधायक डॉ. कृष्ण लाल व क्षेत्र के अन्य कई गणमान्य लोग भी मौजूद थे। इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर दोपहर एक बजे प्लांवाला गांव की इंदिरा कॉलोनी पहुंचने पर हर तरफ चीखो पुकार मच गई। सीमा से सटे गांवों के लोगों में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था। कई घरों में दोपहर को चूल्हा नहीं जला। हर आंख नम थी।

रावत ने शोक संतप्त परिवारों की हिम्मत बढ़ाई

थलेसना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की ओर से भी शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए। शहीदों के पार्थिव शरीर उनके घरों को भेज दिए। थलेसना अध्यक्ष ने अपने संदेश में इन सैनिकों की बहादुरी की सराहना करने के साथ शोक संतप्त परिवारों की हिम्मत बढ़ाई।


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