हर वार्ड में विकास के लिए मिलेंगे 10 लाख रुपये
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू नगर निगम ने नवनिर्वाचित कॉरपोरेटरों को विकास के लिए दस-द
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू नगर निगम ने नवनिर्वाचित कॉरपोरेटरों को विकास के लिए दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा की है। नगर निगम की जनरल हाउस की पहली बैठक में कॉरपोरेटरों को तोहफे के तौर पर यह राशि विकास कार्य करवाने के लिए जारी करने की घोषणा की गई। हालांकि कॉरपोरेटरों ने इसे ऊंट के मुंह में जीरे समान बताया। शनिवार को पहली बैठक में कॉरपोरेटरों के मुद्दों को सुनने के बाद मेयर चंद्रमोहन गुप्ता ने यह घोषणा की। उन्होंने यह घोषणा करीब चार बजे हाउस छोड़ने से पहले की। चंद्रमोहन गुप्ता की राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बैठक थी। लिहाजा उन्होंने हाउस से अनुमति लेकर निकलने से पहले यह घोषणा की। हालांकि हाउस समाप्त होने से पहले वह वापस आ गए तथा धन्यवाद प्रस्ताव भी उन्होंने पढ़ा।
बैठक के आधे में मेयर ने यहां कॉरपोरेटरों को संबोधित करते हुए कॉरपोरेटरों के स्ट्रीट लाइट के मुद्दों पर जवाब देते हुए कहा कि हमने एक हजार स्ट्रीट लाइटें खरीदी हैं। पहले चरण में 500 ही आईं। इन्हें बराबर सभी वार्डो में बांट दिया गया। शेष 500 भी आ चुकी हैं। इसके अलावा 2500 और स्ट्रीट लाइटों का आर्डर दिया है। इन सभी लाइटों के आने के बाद कॉरपोरेटरों को कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने कॉरपोरटर अनीता शर्मा के सवाल के जवाब में कहा कि नाइट शिफ्ट में सफाई करने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कुछेक दिन में रात को काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा नगर निगम को सशक्त बनाने के लिए कर्मचारियों की पहली डीपीसी की बैठक के बाद पदोन्नति की गई हैं। राज्य के प्रमुख सचिव से भी निगम को मजबूत करने तथा नए कर्मचारियों की जरूरत के बारे में अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि 74वें संशोधन को लागू करवाने की बात भी उनसे उठाई है। जम्मू के सारे बड़े प्रोजेक्ट लंबित पड़े हुए हैं। इनमें भगवती नगर में तवी किनारे कृत्रिम झील बनाने, घराना वेटलैंड को विकसित करने, साबरमती की तर्ज पर तवी नदी किनारों का सौंदर्यीकरण जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। मुबारकमंडी के संरक्षण का काम पिछले सोलह साल से चींटी की चाल चल रहा है। हम चाहते हैं कि जम्मू में पर्यटकों को रोका जाए। इसके लिए दूसरी कृत्रिम झील जो कि तवी किनारे पर खाली पड़ी करीब 1500 कनाल जमीन पर प्रस्तावित है, को बनाया जाएगा। इसके अलावा हमने मुबारक मंडी कांप्लेक्स में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साउंड एंड लाइट की व्यवस्था करने तथा यहां करीब 500 कुर्सियां लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा फंड की जरूरत है। लिहाजा राज्यपाल से इन्हें उठाकर बजट लिया जाएगा।
मेयर ने कहा कि जम्मू शहर की अन्य समस्याओं से निपटने के लिए हम यहां चार जोन बनाने जा रहे हैं। हरेक जोन का अलग एक्सईएन हो। निगम में कोई वर्क सुपरवाइजर नहीं है। 1980 में जो स्टाफ था, वही है। और कर्मियों की भर्ती नहीं हुई। इसके लिए म्यूनिसिपल कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं कि वह नगर निगम का अपना बोर्ड बनाएं जिसमें डिप्टी मेयर चेयरपर्सन हों। निगम के अपने सभी पद स्वयं भरे जाएं। इसके लिए सचिवालय का मुंह ताकते की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से उनकी भेंट हुई है। जल्द ही अच्छे फंड मिलने वाले हैं। तब तक हम हरेक कॉरपोरेटर को दस-दस लाख रुपये जारी करेंगे जो उनके द्वारा चिन्हित किए गए कार्यो पर खर्च किए जा सकें। इतना ही नहीं इमरजेंसी कार्यो के लिए एक लाख रुपये प्रति वार्ड हरेक कॉरपोरेटर को मिलेंगे। गुप्ता ने हाउस में सभी कॉरपोरेटरों को संबोधित करते हुए कहा कि निराश मत हों। 75 कॉरपोरेटर एक परिवार हैं। सारा स्टाफ भी इसका हिस्सा है। हम सब मिलकर समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने हंसता हुआ जम्मू, ग्रीन जम्मू, क्लीन जम्मू का नारा देते हुए यकीन दिलाया कि समय के साथ कॉरपोरेटरों को ज्यादा फंड तो मिलेंगे ही, जनसमस्याओं के समाधान भी होंगे।
इसके बाद मेयर करीब दो घंटे के लिए हाउस में नहीं रहे। उनके साथ म्यूनिसिपल कमिश्नर पंकज मगोत्रा भी राज्यपाल से भेंट करने निकल गए।
करीब सवा छह बजे मेयर फिर लौटे। उस समय डिप्टी मेयर संबोधित कर रही थीं। उनके बाद मेयर ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा। उन्होंने हाउस को बताया कि वह राज्यपाल से भेंट कर आए हैं। सिर्फ पांच मिनट ही समय मिलने को मिला था। राज्यपाल ने 74वें संशोधन के लिए 2014 में कुछ संशोधन होने की बात कहते हुए अच्छा रिस्पांस दिया है। मेयर ने सभी कॉरपोरेटरों को संबोधित करते हुए यहां सर्वसम्मति से फैसला लिया कि हर महीने के पहले सोमवार को अब जनरल हाउस की बैठक हुआ करेगी। इसके साथ ही हाउस की बैठक संपन्न हो गई।
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कॉरपोरेटर पार्किग चार्ज से मुक्त
कॉरपोरेटरों को पार्किग स्थल में वाहन खड़ा करने की एवज में पैसे नहीं देने पड़ेंगे। मेयर ने म्यूनिसिपल कमिश्नर को निर्देश दिए कि वह विगत की भांति सभी कॉरपोरेटर को स्टीकर जारी करें जिससे उनकी गाड़ियों को पार्किग में दिक्कत न हो। नगर निगम की किसी भी पार्किग में उनसे चार्ज न वसूले जाएं। इसके अलावा उन्हें पर्याप्त मान मिले। वर्ष 2005 से 2010 तक नगर निगम में रहे कॉरपोरेटरों को भी स्टीकर जारी किए गए थे। जिन्हें उन्होंने गाड़ियों पर लगा रखा था। इससे उन्हें किसी भी पार्किग में सुविधा रहती थी। फिलहाल निगम की अपनी पार्किंग में ही कॉरपोरेटरों को राहत मिलेगी। मेयर ने यह की घोषणा
-हंसता, ग्रीन व क्लीन जम्मू का नारा देते हुआ विकास का भरोसा
-तवी के किनारे बनाई जाएगी कृत्रिम झील
-74वें संशोधन को लागू करने पर राज्यपाल से हुई बात
-कर्मियों की भर्ती के लिए नगर निगम स्वयं का बनाए बोर्ड
-एक हजार स्ट्रीट लाइटें आईं, 2500 को और दिया है ऑर्डर