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जम्मू कश्मीर को इस्लामिक राज्य बनने से रोकें

राज्य ब्यूरो, जम्मू : इकजुट संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे जम्मू कश्म

By Edited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 02:06 AM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 03:04 AM (IST)
जम्मू कश्मीर को इस्लामिक राज्य बनने से रोकें
जम्मू कश्मीर को इस्लामिक राज्य बनने से रोकें

जम्मू, राज्य ब्यूरो। इकजुट संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे जम्मू कश्मीर को इस्लामिक स्टेट न बनने दें। राज्य की जमीनी हकीकत को समझें और इसे मुस्लिम राज्य के स्थान पर एक नई व्यवस्था बनाएं, जिससे लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिले। प्रेस क्लब जम्मू में इकजुट संगठन की ओर से आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि यह जमीनी हकीकत है कि जम्मू कश्मीर एक मुस्लिम राज्य है। यह सरकार का कर्तव्य है कि वह यहां की व्यवस्था में बदलाव लाए। राज्य में बड़ी साजिश हो रही है। इसका इस्लामीकरण हो रहा है।

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कश्मीर में जिहादी लड़ाई को खत्म करने की जरूरत है। इकजुट संगठन के चेयरमैन एडवोकेट अंकुर शर्मा ने कहा कि उन्होंने राज्य के इस्लामिक स्वरूप को बदलने की मुहिम शुरू कर दी। राज्य के जनसांख्यिकीय स्वरूप को बदलने के लिए जो राज्य समर्थित प्रयास चल रहे थे, उसके खिलाफ अभियान चलाया है। कुछ लोग जम्मू और लद्दाख को भी मुस्लिम बहुल बनाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने रोशनी एक्ट के खिलाफ जो जनहित याचिका दायर की थी, उसका मकसद जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने से रोकना था। यहां के अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, क्रिश्चियन और जैनियों के अधिकारों का संरक्षण हो और केंद्रीय योजनाओं का उन्हें लाभ मिले। इसके लिए जनहित याचिका दायर की थी।

इकजुट संगठन का यही मकसद है कि जम्मू और लद्दाख को सशक्त बनाया जाए। यहां पर रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मुख्यमंत्री तक बनने के बारे में सोच सकें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर में विस्थापित पंडितों द्वारा बेची गई जमीनों की बिक्री को रद करने को कहा। प्रो. हरि ओम ने कहा कि प्रधानमंत्री को समझना होगा कि समय तेजी से निकला जा रहा है। अगर राज्य को इस्लामिक ताकतों से बचाना है तो इसका पुनर्गठन होना चाहिए। जम्मू को अलग राज्य का दर्जा देने के अलावा लद्दाख को केंद्र शासित राज्य और कश्मीर में पंडितों के लिए भी अलग से केंद्र शासित राज्य हो।

जब तक प्रधानमंत्री इस सच्चाई को नहीं समझेंगे तब तक पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे युद्ध को नहीं जीता जा सकता। उन्होंने कहा कि उनका वोट कश्मीर से किसी मुस्लिम मुख्यमंत्री को बनाने के लिए नहीं होता। उनका वोट जम्मू और लद्दाख से हिंदू मुख्यमंत्री बनाने के लिए है ताकि वर्षो से चल रहे मुस्लिम राज को हटाया जा सके और जम्मू व लद्दाख के लोगों को सशक्त बनाया जा सके। लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के महासचिव सोनम दावा, पनुन कश्मीर के चेयरमैन डॉ. अजय चुरंगु, सेवानिवृत्त मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल व सरपंच रीना चौधरी ने भी अपने विचार रखे।


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