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लेह बनाम कारगिल करने की रणनीति विफल

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By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 02:25 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:15 AM (IST)
लेह बनाम कारगिल करने की रणनीति विफल

राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख सीट पर कब्जे के लिए कश्मीरी दलों की यहां लेह बनाम कारगिल संग्राम बनाने की रणनीति सिरे नहीं चढ़ पाई। अंतिम दिन कांग्रेस के बागी समेत चार निर्दलियों ने नामांकन कर तमाम सियासी समीकरणों को उलट दिया। हालांकि अभी भी कुछ संगठन इस मामले में कारगिल से एक ही उम्मीदवार उतारने की सहमति बनाने में सभी पक्षों से बात करने में जुटे हैं। कारगिल के युवाओं ने भी एक ही उम्मीदवार उतारने की मांग पर प्रदर्शन भी किया। ऐसे में नाम वापसी के बाद ही सियासी गणित साफ हो पाएगा।

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लद्दाख सीट पर भाजपा और कांग्रेस में उम्मीदवार पर आंख-मिचौली चलती रही। भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किया तो उसके बाद ही कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा। लेह से दो उम्मीदवार आने के बाद कारगिल के संगठन सक्रिय हुए और मुकाबले को लेह बनाम कारगिल बनाने की रणनीति बनने लगी।

अभी तक शांत दिख रहे कश्मीरी दलों ने भीतर ही भीतर कारगिल के इस्लामिया स्कूल के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया। इसके साथ ही सज्जाद कारगिली ने बृहस्पतिवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया। उधर गुप्त समझौते की इबारत लिखी जा रही थी, इधर निर्दलीय खम ठोंक रहे थे। कारगिल से कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक असगर करबलई, सज्जाद कारगिली समेत चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को नामांकन दाखिल कर पूरी रणनीति ही पलट दी।

कांग्रेस के बागी असगर करबलई ईमाम खुमैनी ट्रस्ट के समर्थन से मैदान में उतरे हैं। अंतिम दिन चार उम्मीदवारों ने नामांकन भरे। इनमें तीन कारगिल और एक लेह क्षेत्र से हैं।

ऐसे में शिया वोटों का बंटवारा होते देख मुकाबले को लेह बनाम कारगिल बनाने की फिर से कोशिशें तेज हो गई हैं। प्रयास है कि आम सहमति बनाकर कारगिल से एक ही प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाए। वीरवार सुबह कारगिल में युवाओं ने प्रदर्शन कर यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। यह और बात है कि प्रदर्शन के बावजूद नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार मैदान में उतरे।

फिलहाल उलझा है गणित

कुल मिलाकर लद्दाख संसदीय सीट के लिए आठ उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें से दो कवरिग कैंडिटेट हैं। लेह से भाजपा के उम्मीदवार जामियांग के साथ पार्टी के कवरिग कैंडिडेंट ने भी नामांकन पत्र भरा है। 20 अप्रैल को यहां नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद कवरिग उम्मीदवार हट जाने के बाद तीन उम्मीदवार लेह और तीन उम्मीदवार कारगिल से मैदान में रहेंगे। नाम वापस लेने की तिथि 22 अप्रैल है। अगर तब तक कोई उम्मीदवार नाम वापस ले लेता है तो फिर से समीकरण एकाएक बदल जाएंगे।

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बृहस्पतिवार को यूं बदलते रहे घटनाक्रम

बृहस्पतिवार को लद्दाख से नामांकन का अंतिम दिन था। सबसे पहले कारगिल के सहायक रिटर्निग अफसर के कार्यालय में कांग्रेस के बागी व पूर्व विधायक असगर करबलई ने नामांकन पत्र भरा। उनके बाद इस्लामिया स्कूल के सहयोग से उतरे सज्जाद कारगिली और उनकेकवरिग कैंडिडेट एडवोकेट असगर अली यारकान ने भी पर्चा भरा। निर्दलीय काचू मोहम्मद फिरोज ने भी नामांकन दाखिल किया।

वहीं लेह में निर्दलीय उम्मीदवार सीरिग नाम्गयाल ने भी नामांकन पत्र भरा। साथ ही कांग्रेस के उम्मीदवार रिगजिन स्पालबार ने एक और सेट दाखिल किया। इससे पहले भाजपा प्रत्याशी व लेह हिल काउंसिल के मौजूदा चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर जामियांग सीरिग नाम्गयाल व उनके कवरिग कैंडिडेट भाजपा के लेह जिला प्रधान आंगचुक दोरजे नामांकन दाखिल कर चुके हैं।

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कारगिल व लेह जिलों में वैचारिक टकराव पहले से ही स्पष्ट है। ऐसे में दोनों जिले अपने प्रतिनिधि को संसद भेजना चाहते हैं। कारगिल की ईमाम खुमैनी ट्रस्ट से कांग्रेस के बागी असगर करबलई को समर्थन दे रही है तो लद्दाख की सियायत पर असर रखने वाली इस्लामिया स्कूल ने पत्रकार सज्जाद कारगिली को समर्थन दिया है।


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