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स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त स्टाफ को रिलीव करने के निर्देश

जेएनएफ जम्मू जम्मू और आसपास के इलाकों में निर्धारित से अधिक स्टाफ होने और दूरदराज इलाकों में स्टाफ की कमी पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू कश्मीर स्वास्थ व चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य निदेशालय को 15 दिन में अतिरिक्त स्टाफ को रिलीव करने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 05:19 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 05:19 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त स्टाफ को रिलीव करने के निर्देश

जेएनएफ, जम्मू : जम्मू और आसपास के इलाकों में निर्धारित से अधिक स्टाफ होने और दूरदराज इलाकों में स्टाफ की कमी पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू कश्मीर स्वास्थ व चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य निदेशालय को 15 दिन में अतिरिक्त स्टाफ को रिलीव करने के निर्देश दिए हैं।

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बेंच ने कहा है कि 28 अप्रैल तक आदेश का पालन नहीं हुआ तो स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक इसके लिए जिम्मेदार होंगे। बेंच ने अतिरिक्त स्टाफ को 28 अप्रैल के बाद वेतन भी जारी नहीं करने के निर्देश दिए हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता बलविद्र सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि जम्मू संभाग के 184 स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी है।

बेंच ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को जम्मू शहर में चल रहे 15 इवनिग क्लीनिक की उपयोगिता पर भी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। बेंच ने कहा कि तीन सप्ताह के भीतर इन क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की जानकारी दी जाए। बेंच ने कहा कि जो डॉक्टर दो-दो साल के दो सत्र पूरे कर चुके हैं, उन्हें इन क्लीनिकों से बाहर दूसरे स्थान पर तैनात किया जाए।

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से जो स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। उसमें बताया गया कि जम्मू जिले में 49 अतिरिक्त स्टाफ है। डोडा जिले में 12, कठुआ में 15, किश्तवाड़ में आठ, पुंछ में पांच, राजौरी में 12, रामबन में 13, सांबा में पांच, रियासी में तीन और ऊधमपुर में पांच अतिरिक्त स्टाफ हैं। ट्रैफिक सुपरिटेंडेंट की सजा बरकरार

हाईकोर्ट ने इंडियन एयरलाइंस के ट्रैफिक सुपरिटेंडेंट सुरेंद्र डोगरा की अपील को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट की तरफ से सुनाई गई सजा बरकरार रखा है। सुरेंद्र डोगरा को सीबीआइ ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। ट्रायल कोर्ट ने आरोप साबित होने पर उसे छह महीने कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।


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