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नए निवेश आकर्षित नहीं कर पाई उद्योग नीति

जागरण संवाददाता जम्मू जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक विकास की खामियों को दूर करके इस क्षेत्र को मजबूत करने व बड़े स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देते हुए रोजगार के अवसर पैदा करने का उद्देश्य लेकर तीन साल पहले लागू की गई उद्योग नीति अब तक कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 09:44 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 09:44 AM (IST)
नए निवेश आकर्षित नहीं कर पाई उद्योग नीति
नए निवेश आकर्षित नहीं कर पाई उद्योग नीति

जागरण संवाददाता, जम्मू: जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक विकास की खामियों को दूर करके इस क्षेत्र को मजबूत करने व बड़े स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देते हुए रोजगार के अवसर पैदा करने का उद्देश्य लेकर तीन साल पहले लागू की गई उद्योग नीति अब तक कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई है। उद्योग नीति लागू होने के बाद राज्य में एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ। अलबत्ता नए लघु उद्योगों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है।

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उद्योग नीति लागू होने के एक साल बाद राज्य में जीएसटी लागू हो गया और जीएसटी के तहत पुरानी वित्तीय रियायतें पूर्ण रूप से बहाल न होने को नए उद्योगों पर अंकुश का मुख्य कारण माना जा रहा है। वर्ष 2016-17 व 2017-18 की बात करें तो इस अवधि के दौरान जम्मू संभाग में करीब 400 नए उद्योग स्थापित हुए जिनसे करीब 2400 लोगों को रोजगार मिला लेकिन वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा आधा भी नहीं रहा। वर्ष 2018-19 में जम्मू संभाग में मात्र 140 नई औद्योगिक इकाइयों ने उत्पादन आरंभ कर करीब 1325 लोगों को रोजगार मुहैया करवाया।

जम्मू के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की मानें तो जीएसटी के तहत राज्य के लघु उद्योग को कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध न करवाए जाने के कारण आज इन उद्योगों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राज्य के लघु उद्योगों को अपने ही राज्य की बड़ी औद्योगिक इकाइयों से प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ रही है। यही कारण है कि कोई लघु उद्योग लगाने को तैयार नहीं। एसोसिएशन के प्रधान ललित महाजन के अनुसार अगर उद्योग नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए लघु इकाइयों को प्राथमिकता पर नहीं लाया गया तो उद्योग का विस्तार होना संभव नहीं।

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