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भारतीय जवानों ने बनाई यह प्रभावी कार्ययोजना, अब दुम दबाकर भागेंगे पाक के बैट दस्ते

कमांडरों को कहा गया है कि वह गश्ती दलों और नाका पार्टियों में पूरी ड्रिल के बाद ही जवानों को शामिल करें। उन्हें हालात व संबंधित क्षेत्र की स्थिति के बारे मे लगातार ब्रीफ करें।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 11:37 AM (IST)
भारतीय जवानों ने बनाई यह प्रभावी कार्ययोजना, अब दुम दबाकर भागेंगे पाक के बैट दस्ते

जम्मू, राज्य ब्यूरो : भारतीय सुरक्षा बलों की रणनीति के आगे अब दुश्मन देश पाकिस्तान के बैट दस्ते दुम दबाकर भागेंगे। वह भारतीय क्षेत्र में घुसने से पहले हजार बार सोचेंगे कि कहीं उन्हें लेने के देने न पड़ जाएं। अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सैन्य चौकियों व गश्ती दलों पर बैट हमलों की रची जा रही साजिश को नाकाम बनाने के लिए भारतीय सेना ने एक प्रभावी कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। दरअसल, सोमवार को सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बार्डर एक्शन टीम बैट के एक दस्ते ने हमला किया था। इस हमले में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया था। जवाबी कार्रवाई में बैट के तीन सदस्यों के भी मारे जाने की सूचना है।

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सैन्य सूत्रों ने बताया कि सुंदरबनी सेक्टर में हुए बैट हमले का सैन्य प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस हमले में बैट दस्ते द्वारा अपनाए गए तरीके और संबंधित क्षेत्र में भारतीय सेना की नाका पार्टियों और गश्ती दलों की कार्यप्रणाली का आकलन किया जा रहा है। ऐसा इसलिए ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को नाकाम कर नुकसान की आशंका को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि सभी फील्ड कमांडरों, कंपनी कमांडरों व चौकी प्रभारियों के अलावा गश्ती दल व नाका पार्टियों का नेतृत्व करने वालों को अपनी ड्रिल की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा व एलओसी पर स्थित उन ग्रे एरिया को चिन्हित करने के लिए कहा गया है, जहां पर बैट हमले की आशंका हो सकती है।

गश्त व नाकों पर साथियों से अधिक दूर न रहें जवान: सभी नाका पार्टियों और गश्ती दलों में शामिल जवानों व अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अग्रिम इलाकों, जंगल व नालों में गश्त अथवा नाके के समय अपने साथी से ज्यादा दूर न रहें। एसओपी का पूरा ध्यान रखें। गश्ती दलों और नाका पार्टियों व संतरी पोस्टों में तैनात जवान ड्यूटी के समय मोबाइल व हैडफोन से दूर रहें। कमांडरों को कहा गया है कि वह गश्ती दलों और नाका पार्टियों में पूरी ड्रिल के बाद ही जवानों को शामिल करें। उन्हें हालात व संबंधित क्षेत्र की स्थिति के बारे मे लगातार ब्रीफ करें।

वॉच टॉवरों की संख्या बढ़ाई जा रही: सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर वॉच टॉवरों, निगरानी चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अग्रिम इलाकों में घुसपैठ व बैट हमलों को रोकनेे के लिए अंतररष्ट्रीय सीमा व एलओसी पर लगाए गए थर्मल इमेजर, सेंसर में सुधार किया जा रहा है ताकि वह किसी भी मौसम में पूरी तरह क्रियाशील रहें।

जम्मू संभाग में बैट का यह दूसरा बड़ा हमला: जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते का सुंदरबनी सेक्टर में यह दूसरा बड़ा हमला है। इससे पूर्व 28 सितंबर 2018 को सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त कर रहे सीमा सुरक्षाबल के गश्ती दल पर बैट हमला हुआ था। बैट दस्ते ने बीएसएफ के एक जवान को अगवाकर मौत के घाट उतार दिया था। शहीद बीएसएफ कर्मी के शरीर के साथ भी पाकिस्तानी सैनिकों ने बर्बरता की थी।


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