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Jammu Kashmir: जल्‍द पूरे होंगे जम्‍मू कश्‍मीर की उम्‍मीदों के अधूरे पुल, 1010 करोड़ रुपये मंजूर

जम्मू कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वूपर्ण पुलों और सड़कों के निर्माण में फंड की कमी नहीं आएगी। प्रदेश प्रशासन ने अखनूर में परगवाल-इंद्रीपतन पुल कठुआ के उज्ज दरिया पर जुथाना पुल और राजौरी के कोटरंका-ख्वास सड़क समेत 83 परियोजनाओं के लिए 1010.55 करोड़ रुपये जारी किये हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 06:40 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 07:19 AM (IST)
परगवाल-इंद्रीपतन पुल समेत 83 सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1010.55 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वूपर्ण पुलों और आम लोगों की लाइफ लाइन कहे जाने वाली सड़कों के निर्माण में फंड की कमी नहीं आएगी। प्रदेश प्रशासन ने भारत-पाक सीमा पर बसे अखनूर के दरिया चिनाब में परगवाल-इंद्रीपतन पुल, कठुआ के उज्ज दरिया पर जुथाना पुल और राजौरी के कोटरंका-ख्वास सड़क के रुके पड़े निर्माण समेत 83 सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1010.55 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेगा प्रोजेक्ट में शामिल दो हजार मीटर लंबे परगवाल-इंद्रीपतन पुल के निर्माण से पाक गोलाबारी की सीधी रेंज में आने वाले ग्रामीणों को लाभ होगा।

शुक्रवार को वित्त आयुक्त डॉ. अरुण मेहता की अध्यक्षता में विभाग की उच्च स्तरीय समिति की 12वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान अखनूर तहसील के पगरवाल क्षेत्र में दरिया चिनाब पर रुके पुल के निर्माण के लिए 206.90 करोड़, कठुआ के उज्ज दरिया पर पुल निर्माण की परियोजना को पूरा करने के लिए 45.54 करोड़ और राजौरी के कोटरंका-ख्वास सड़क के निर्माण के लिए 76.20 करोड़ रुपये जारी किए गए।

मेहता ने बताया कि यह सभी विकास कार्य बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पूरा होने से लोगों को काफी लाभ होगा। मेहता ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सड़क परियोजनाओं को लेकर सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर लें। साथ ही बंद हुई परियोजनाओं का कारण ढूंढकर उन्हें फिर से शुरू करने की दिशा में काम करें। बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव शैलेंद्र कुमार, युवा, सेवा एवं खेल विभाग के सचिव सरमद हफीज, बुनियादी ढांचा विकास वित्त निगम के कार्यकारी निदेशक शमीम अहमद वानी, जनरल बजट के निदेशक मोहम्मद याकूब इट्टु भी मौजूद रहे।

उम्‍मीदों के पुल

  1. परगवाल-इंद्रीपतन पुल : 206.90 करोड़ से सीमा से सटे दरिया चिनाब पर बन रहे परगवाल-इंद्रीपतन पुल का निर्माण होगा पूरा। यह पीएम के मेगा प्रोजेक्ट में शामिल है।पाक गोलाबारी के दौरान 32 हजार लोगों को लाभ होगा।जम्मू जिले की अखनूर तहसील से करीब 60 किलोमीटर दूर परगवाल भारत-पाक सीमा पर दरिया चिनाब में एक टापू की तरह है। अक्सर पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली गोलाबारी के दौरान यहां के ग्रामीण को वहां से निकलने में परेशानी होती है।  परगवाल-इंद्रीपतन पुल का निर्माण करीब 25 फीसद पूरा हो चुका है। इसका निर्माण पूरा हो जाने से करीब 32 हजार लोगों को लाभ होगा।
  2. उज्ज पर जुथाना पुल : अब तीन महीने अन्य क्षेत्रों से नहीं कटेंगे लोग। 45.54करोड़ उज्ज दरिया पर बन रहे जुथाना पुल के निर्माण पर लगाए जाएंगे। कठुआ के उज्ज दरिया पर बन रहा यह पुल राजबाग क्षेत्र के जोखोल को जुथाना को जोड़ेगा। जुथाना भी एक टापू के समान है। बरसात के दिनों में इस क्षेत्र की दो पंचायतों लाड़ी और जुथाना के करीब दस हजार लोग तीन महीने के लिए अन्य क्षेत्रों से कट जाते हैं। यहां करीब तीन साल पहले पुल बनना शुरू हुआ था, जिसका निर्माण एक साल से रुका हुआ है।
  3. कोटरंका-ख्वास सड़क : 100 से ज्यादा गांवों को होगा लाभ। 76.20 करोड़ से 40 साल से बन रही राजौरी के कोटरंका-ख्वास सड़क पूरी होगी। राजौरी जिले की इस 72 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 40 साल से अधूरा पड़ा है। कच्ची सड़क होने से यहां के ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। यह सड़क बन जाने से 100 से ज्यादा गांवों को लाभ होगा। यह सड़क बेहद महत्वपूर्ण है, जो कालाकोट के त्रेडू को भी ख्वास से जोड़ती है।

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