Jammu Kashmir : जनवरी प्रथम सप्ताह में MA Stadium का उद्घाटन संभव, काम अंतिम चरणों में पहुंचा
मौलाना आजाद स्टेडियम में वाईआइपी पवेलियन में 500 कुर्सियां लगाने का काम पहली जनवरी को खत्म होने के उपरांत किसी भी क्षण इसका उद्घाटन हो सकता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । मौलाना आजाद स्टेडियम में वाईआइपी पवेलियन में 500 कुर्सियां लगाने का काम पहली जनवरी को खत्म होने के उपरांत किसी भी क्षण इसका उद्घाटन हो सकता है।
नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन काॅरपोरेशन (एनपीसीसी) की देखरेख में प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत 42 करोड़ रुपए की लागत से एमए स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम में परिवर्तित करने का काम करीब-करीब सभी काम पूरा हो चुका है। चूंकि 26 जनवरी को इसी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू द्वारा समय नहीं मिलने के कारण अभी तक दो बार इसका उद्धाटन कार्यक्रम टल चुका है। जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोटर्स काउंसिल के सूत्रों के अनुसार, अब नववर्ष के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा।
एनपीसीसी के जोनल मैनेजर धर्मपाल ने बताया कि स्टेडियम में वाईआइपी पवेलियन में 500 कुर्सियां लगाने का काम सहित फाल्स सीलिंग व फिनिशिंग का काम बाकी है। इसे जल्द से जल्द निपटा लिया जाएगा।
17500 कुर्सियां लगाई
मौलाना आजाद स्टेडियम में दर्शकों के बैठने के लिए 17500 कुर्सियां लगाई गई हैं। दर्शकों की सुविधा के लिए टॉयलेट के छह यूनिट बनकर तैयार हो गए हैं। प्रत्येक टॉयलेट यूनिट के अंदर 30 वॉशरूम बनाए गए हैं और कुल मिलाकर पूरे स्टडियम में 120 वॉशरूम बनाए गए हैं। दर्शकों के लिए चार कैफेटेरिया भी बनाए गए हैं।
कहां और क्या-क्या होगा?
एमए स्टेडियम में वीआइपी और खिलाड़ियों की सुविधा के लिए दो क्लब हाउस बनाए जा रहे हैं।
- मेडिकल रूम
- मीडिया सेंटर
- ओपन मीडिया जोन
- मीडिया गैलरी
- मीडिया लॉबी
- डोप टेस्ट रूम
- स्टोर
- 12 टॉयलेट यूनिट
- 8 स्टोर
- स्टेडियम मिक्सड जोन
- प्लेयर्स इंट्रेंस लॉबी
- प्लेयर्स जिम एवं फिजियो
- टीम डाइनिंग एंड पैंटरी
- मैच रेफरी रूम
- अम्पायर रूम
- ड्रेसिंग रूम
- तीन मेडिकल रूम
- ओपन प्लेयर जोन
- प्लेयर्स गैलरी
- प्लेयर्स जिम
- फिजियो
- एंट्रेंस लाॅबी
चार फ्लड लाइट के पोल लगे
एमए स्टेडियम में चार फ्लड लाइट के बड़े पोल लगाए गए हैं। प्रत्येक पोल में 96 बड़े बल्ब लगाए गए हैं ताकि भविष्य में दिन-रात के मुकाबले आयोजित किए जा सकें।