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JK Budget: पहले बजट में पेश की नए जम्मू कश्मीर की तस्वीर, आम ग्रामीण, किसान, बागवान और युवा पर किया फोकस

युवाओं में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य के भीतर और बाहर 15 लाख से अधिक युवाओं की विभिन्न खेल गतिविधियों में भागेदारी को सुनिश्चित बनाया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 02:43 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 02:43 PM (IST)
JK Budget: पहले बजट में पेश की नए जम्मू कश्मीर की तस्वीर, आम ग्रामीण, किसान, बागवान और युवा पर किया फोकस
JK Budget: पहले बजट में पेश की नए जम्मू कश्मीर की तस्वीर, आम ग्रामीण, किसान, बागवान और युवा पर किया फोकस

श्रीनगर, नवीन नवाज। नए जम्मू कश्मीर के पहले बजट में केंद्र सरकार ने नए जम्मू कश्मीर की तस्वीर पेश करने का प्रयास किया गया। बजट प्रस्तावों से साफ है कि नए जम्मू कश्मीर में आम ग्रामीण, किसान, बागवान और युवा फोकस में है। साथ ही तेज विकास का एजेंडा भी रखा गया है। कौशल विकास, स्वरोजगार, खेल और पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं के सहारे युवाओं की राज्य के तेज विकास में सहभागिता बढ़ाई जाएगी।

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इसके अलावा स्वास्थ्य, बिजली-पानी और उद्योग के ढांचा मजबूत करने की कवायद दिखती है। राज्य में निवेशक सम्मेलन से पहले राज्य में बदलाव की एक तस्वीर बजट के माध्यम से प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है।

साथ ही विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए 679 करोड़ का प्रावधान किया गया है तो पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को नागरिकता के अधिकार के साथ उनके पुनर्वास को सुनिश्चित बनाया गया है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर को पुनर्गठन हुआ और दो नए केंद्रशासित राज्यों जम्मू कश्मीर व लद्दाख का 31 अक्टूबर 2019 को उदय हुआ। ऐसे में विधानसभा की अनुपस्थिति में बजट तैयार करना और उसे लागू करते हुए आम लोगों की उम्मीदों और अपेक्षाओं को मद्देनजर रखना आवश्यक था। पहली बार जम्मू कश्मीर के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश हुआ और आगामी वित्त वर्ष के दौरान जीएसडीपी की वृद्धि दर 11 का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र की प्राथमिकताओं में आधारभूत ढांचे का विकास दिखता है और उसके लिए पर्याप्त फंड भी रखा गया है। अब इन योजनाओं के तेज गति से क्रियान्वयन की अपेक्षा है।

कौशल विकास पर तवज्जोः बेरोजगारी से निपटने के लिए कौशल विकास और नए स्टार्टअप पर जोर दिया गया है। ग्रामीण औद्योगिक केंद्रों के लिए 200 करोड़ का प्रावधान अपनी तरह का अनूठा प्रयास है। दस्तकारों के लिए छह जिलों में पायलट आधार पर कारखानदार योजना भी शुरू की जा रही है। मतलब सरकारी नौकरियों पर स्थानीय लोगों की निर्भरता कम करने के साथ ही उन्हें उद्यमी बनाने व दूसरों के लिए रोजगार पैदा करने वाला बनाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘गांव की ओर’ के माध्यम से ग्रामीण तक पहुंच बनाने के प्रयास आगे भी होते रहेंगे। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। युवाओं में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य के भीतर और बाहर 15 लाख से अधिक युवाओं की विभिन्न खेल गतिविधियों में भागेदारी को सुनिश्चित बनाने का प्रयास किया जाएगा।

व्यावसायिक शिक्षा पाठयक्रम शुरु किएः 52 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पाठयक्रम शुरु किए जाएंगे। नए कालेजों के लिए 300 करोड़ रखे गए हैं। सभी 20 जिलों में पहले से जारी स्वास्थ्य परियोजनाओं को गति देने के अलावा आठ करोड़ की लागत से डिजिटल डिस्पेंसरियां स्थापित की जाएंगी। 16 नए अमृत स्टोर खुलेंगे।

वित्तीय अनुशासन पर जोरः जम्मू कश्मीर में वित्तीय अनुशासन एक बड़ा मुद्दा रहा है। खुद वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहा है कि व्यय को सुव्यवस्थित करने और केंद्रशासित प्रदेश को विकास के मॉडल के तौर पर प्रस्तुत करने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था तैयार की जा रही है। वित्त मामलों के विशेषज्ञ आसिफ कुरैशी ने कहा मैंने अभी बजट का पूरा अध्ययन नहीं किया है। जितना समझा है, उसके आधार पर कह सकता हूं कि यह जम्मू कश्मीर के विकास पर केंद्रित एक व्यावहारिक बजट है।


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