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Ramnagar Children Death Case: बच्चों की मौत पर मुआवजा तो मिला पर इंसाफ नहीं, खांसी की दवाई से 12 की गई थी जान

Ramnagar Children Death Case दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच रामनगर तहसील के विभिन्न गांवों में 12 बच्चों की मौत खांसी की दवाई पीने से हो गई थी। यह दवाई हिमाचल प्रदेश में स्थित कंपनी ने बनाई थी।

By rohit jandiyalEdited By: Rahul SharmaPublished: Fri, 07 Oct 2022 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 08:17 AM (IST)
Ramnagar Children Death Case: बच्चों की मौत पर मुआवजा तो मिला पर इंसाफ नहीं, खांसी की दवाई से 12 की गई थी जान
कंपनी के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था, लेकिन जांच अधर में है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : सर्दी-खांसी की दवाई पीने से पश्चिम अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत ने दवा कंपनियों की विश्वसनीयता पर फिर सवाल खड़ा कर दिया है। इसी तरह की दवा पीने से जम्मू संभाग में ऊधमपुर के रामनगर में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। इन बच्चों के स्वजन को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद मुआवजा तो मिल गया, लेकिन इंसाफ नहीं मिल पाया है।

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दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच रामनगर तहसील के विभिन्न गांवों में 12 बच्चों की मौत खांसी की दवाई पीने से हो गई थी। यह दवाई हिमाचल प्रदेश में स्थित कंपनी ने बनाई थी। इस मामले की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जम्मू, पीजीआइ चंडीगढ़ और दिल्ली से विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम पहुंची थी। दवाई के इस सिरप की जांच में जहरीला पदार्थ डाइथेलेन ग्लाइकोल मिला था। इसके बाद इस दवाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कंपनी के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था, लेकिन जांच अधर में है।

इस मामले में दो बार विशेष जांच टीम गठित हुई। कोर्ट में भी यह मामला विचाराधीन है। बड़ी बात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया ने जब इन बच्चों की मौत का मामला उठाया और मुआवजे की मांग की तो जम्मू कश्मीर सरकार इसके विरोध में खड़ी हो गई थी। उसने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन फैसला बच्चों के स्वजन के हक में आया। इसके बावजूद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दखल पर मुआवजा मिल सका।

मुआवजा वापस लेने की ताक में सरकार : सुकेश खजूरिया ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अभी भी एसएलपी सी नंबर 008345-2021 सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की है ताकि मुआवजा वापस लिया जा सके। बच्चों की मौत पर सरकार कितनी गंभीर है, यह इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि दो वर्ष गुजरने पर भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। यहां तक कि चालान तक पेश नहीं हुआ है। एक बच्चे के पिता जफरदीन ने कहा कि वह दो वर्ष से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

हरकत में आया विभाग, अलर्ट जारी : गांबिया में खांसी और सर्दी की दवाई पीने से ब'चों की मौत के बाद चार दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध के बार अब जम्मू कश्मीर का ड्रग कंट्रोल विभाग भी हरकत में आ गया है। विभाग ने हरियाणा की दवा कंपनी से जम्मू-कश्मीर में आपूर्ति होने वाले सिरप की जानकारी मांगी है। साथ ही ड्रग इंस्पेक्टरों को इन कंपनियों के सिरप का पता लगाने के लिए कहा है।

  • जम्मू-कश्मीर में ड्रग इंस्पेक्टर व अन्य अधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्रों में जांच कर रहे हैं। अभी तक प्रतिबंधित कफ सिरप नहीं मिला है। जिस दवा से बच्चों की मौत हुई है, वे निर्यात के लिए ही बनाई गई थीं, लेकिन यहां विभाग की टीमें दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजती हैं। विभाग पूरी तरह से सतर्क है। प्रत्येकस्तर पर जांच हो रही है। -लोतिका खजूरिया, ड्रग कंट्रोलर जम्म्मू-कश्मीर 

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