Smart City Jammu : जम्मू की पाश कालोनियों में सीवरेज से नहीं जुड़ पाए नेताओं, अफसरों तक के बंगले
गांधीनगर कालोनी में कई जानी मानी हस्तियों ने अपने बंगले बनाए हैं। जम्मू कश्मीर के कई बड़े मंत्रियों नौकरशाहों आदि वीवीआइपी लोग यहीं रहते हैं लेकिन वे जम्मू की शान कही जाने वाली अपनी कालोनी के लिए सीवरेज की व्यवस्था नहीं करवा पाए।
जम्मू, अंचल सिंह : शहर में रोजाना करीब 350 एमएलडी सीवरेज निकलता है, जिसमें से महज 64 एमएलडी ही ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है। यानी 286 एमएलडी सीवरेज नालों से होते हुए सीधे शहर की जीवनदायिनी नदी तवी में चला जाता है। इससे नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। सीवरेज को लेकर सरकारी गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जम्मू शहर की पाश कालोनियों को आज तक सीवरेज से नहीं जोड़ा सका है।
गांधीनगर, त्रिकुटा नगर, छन्नी हिम्मत शहर की पाश कालोनियां हैं। इन्हें जम्मू की शान भी कहा जाता है, लेकिन आज दिन तक यहां सीवरेज व्यवस्था नहीं है। गांधीनगर विधानसभा का कोई भी इलाका आज तक सीवरेज से नहीं जोड़ा जा सका है। डेढ़ साल पहले बाहुफोर्ट क्षेत्र में सीवरेज की पाइप डालने का काम शुरू किया गया था। गांधीनगर के सभी मुहल्लों में लोगों ने अपने घरों में सैप्टिक टैंक बनाए हैं, जिसकी गंदगी आज भी टैंकरों के माध्यम से साफ करवानी पड़ती है। वहीं, गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र के ऊंचाई पर स्थित बाहुफोर्ट समेत अन्य इलाकों में अधिकांश घरों में सेप्टिक टैंक भी नहीं हैं। इन घरों से शौचालय की गंदगी सीधे नालियों में जाती है, जो बड़े नालों से होते हुए तवी में पहुंच जाती है।
70 के दशक में गांधीनगर कालोनी का निर्माण हुआ था। उसके बाद त्रिकुटा नगर, छन्नी हिम्मत आदि कालोनियां बनीं। पचास साल गुजर जाने के बाद भी सरकारें यहां सीवरेज व्यवस्था नहीं बना पाई हैं। दो साल पहले गांधीनगर के बाहुफोर्ट क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। बाग-ए-बाहू, बावे माता मंदिर के आसपास के मुहल्लों में ढलान होने के चलते प्रोजेक्ट को वहां से शुरू किया गया है। ढलान में होने के कारण इन मुहल्लों की सीवरेज को तवी नदी किनारे गोरख नगर शमशानघाट, पुंछ कालोनी में छोटे प्वाइंट बनाकर जोड़ा जाएगा। फिर यहां से सीवरेज को बेलीचराना एसटीपी से मिलाया जाएगा। यूइइडी के अनुसार वर्ष 2044 तक शहर का सीवरेज उत्पादन 461.80 एमएलडी हो जाएगा। फिलहाल 64 एमएलडी सीवरेज को ही ट्रीट किया जा रहा है।
खुद ही सीवरेज के मेनहोल से जोड़ दिए अपने शौचालय : बाहुफोर्ट के म्हाशा मुहल्ले में सीवरेज की पाइप और मेनहोल बनने के बाद कुछ लोगों ने स्वयं ही अपने शौचालय को पाइप से इससे जोड़ दिया है। इस इलाके में ज्यादातर गरीब आबादी रहती है, जो सैप्टिक टैंक नहीं बनवा सकते हैं। ऐसे में उन्होंने अस्थायी शौचालय बनाकर उसे पाइप के जरिये सीवर लाइन से जोड़ दिया। अभी यहां सीवरेज शुरू नहीं हुआ है। बाद में इसे तोड़ा भी जा सकता है, लेकिन फिलहाल लोगों ने काम में विलंब होता देख यह अस्थायी इंतजाम कर लिया है।
बेलीचराना में बनेगा चार एमएलडी क्षमता का एसटीपी : अरबन इंवायरंमेंट इंजीनियङ्क्षरग डिपार्टमेंट (यूईईडी) अब शहर के बाहरी क्षेत्र बेलीचराना में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बना रहा है। चार एमएलडी क्षमता के इस एसटीपी के बनने से नरवाल बाला, राजीव नगर, सब्जी मंडी, नरवाल, बाहु गोरखा नगर, राजीव बस्ती, कालिका कालोनी, शेख नगर, बिक्रम चौक आदि की करीब 40 हजार आबादी को लाभ होगा। करीब 5000 हाउस कनेक्शन दिए जाएंगे। बाग-ए-बाहु में इसी कड़ी में सीवरेज की पाइप डालने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। इसके अलावा नरवाल क्षेत्र में भी सीवरेज की पाइप डालने की प्रक्रिया में विभाग जुटा हुआ है। इसके बनने से तवी में गंदगी नहीं जाएगी।
मंत्री, सांसद, मेयर और प्रमुख सचिव का निवास होने पर भी गांधीनगर का 'मैला' आंचल : गांधीनगर कालोनी में कई जानी मानी हस्तियों ने अपने बंगले बनाए हैं। जम्मू कश्मीर के कई बड़े मंत्रियों, नौकरशाहों आदि वीवीआइपी लोग यहीं रहते हैं, लेकिन वे जम्मू की शान कही जाने वाली अपनी कालोनी के लिए सीवरेज की व्यवस्था नहीं करवा पाए। इसके लिए प्रयास करने के बजाय उन्होंने अपनी कोठी में सेप्टिक टैंक बनवाना ज्यादा आसान समझा। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र ङ्क्षसह गांधीनगर विधानसभा के त्रिकुटा नगर में रहते हैं। उनके निवास के सामने भारतीय जनता पार्टी का मुख्यालय भी है। इतना ही नहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री कङ्क्षवद्र गुप्ता, जो पूर्व मेयर भी रह चुके हैं, उनका निवास स्थान भी गांधीनगर में है। मौजूदा मेयर चंद्रमोहन गुप्ता को भी सरकार ने गांधीनगर में रिहायश दी है। सांसद जुगल किशोर शर्मा, पूर्व सांसद चौधरी लाल ङ्क्षसह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रङ्क्षवद्र रैणा, पूर्व मंत्री रमण भल्ला, राज्य के चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार मेहरा, सलाहकार फारूक खान, नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र राणा, पूर्व मंत्री शामलाल चौधरी समेत दर्जनों नेता, नौकरशाह यहां रहते हैं। अफसोस की बात है कि किसी ने भी गांधीनगर को सीवरेज से जोडऩे के लिए कुछ नहीं किया। यहां दर्जनों जज, जजों के गेस्ट हाउस, बड़े-बड़े शोरूम भी हैं, इसके बावजूद इस कालोनी को सीवरेज से जोडऩे में आज तक किसी भी सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
- दर्जनों बार मुद्दा उठा चुके हैं कारपोरेटर, पर नहीं हो रही सुनवाई : दर्जनों बार मुद्दे को उठाने के बावजूद पाश कालोनी गांधीनगर में सीवरेज के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। सीवरेज तो छोडि़ए यहां नालियों की हालत बहुत बदतर है। नाले ओवरफ्लो होकर पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। कोई परवाह नहीं कर रहा। यह कैसी स्मार्ट सिटी बनने जा रही है जहां सीवरेज के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। हर बड़े शहर में सीवरेज प्राथमिकता रहती है। जनरल हाउस में भी प्रस्ताव रखे हैं लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा। -भानु महाजन, कारपोरेटर, गांधीनगर
- करीब दो साल पहले काम शुरू हुआ। कच्चा तालाब, पक्का तालाब, राज बहुलोचन चौक, शाहबाद कालोनी, म्हाशा मुहल्ला, बाजीगर बस्ती, कासिम नगर मुहल्लों में सीवरेज की पाइप डाली जा चुकी हैं। अब बाहुलोचन चौक से बेलीचराना तक मुख्य पाइप डाली जानी है। इसके डलने के बाद मुहल्लों में सीवरेज के कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे काफी राहत मिलेगी। -शारदा कुमारी, कारपोरेटर, वार्ड 47
- हमारे वार्ड के गोरखा नगर, कालिका कालोनी में अभी सीवरेज की पाइप नहीं डाली गई हैं। बाग-ए-बाहु, शेख नगर आदि मुहल्लों में पाइप जरूर डाल दी गई है, लेकिन काम अधूरा है। किसी को भी कनेक्शन नहीं मिला है। यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसे जल्द शुरू किया जाना चाहिए। हमने इस मुद्दे को लेकर लगातार मुखर रहे हैं। मेयर को जल्द यह सुविधा देनी चाहिए। -शाम बस्सन, कारपोरेटर, वार्ड 48
- गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों सीवरेज से जोडऩे के लिए बेलीचराना में 51.67 करोड़ रुपये से ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। इसके लिए 16.49 करोड़ रुपये की राशि जारी हो चुकी है। इस प्लांट से बाहुफोर्ट से बिक्रम चौक तक का इलाका सीवरेज से जुड़ जाएगा। धीरे-धीरे प्रोजेक्ट को फिर आगे भी बढ़ाया जाएगा। दो दिन पहले बाहुफोर्ट में मुख्य पाइप डालने का काम शुरू किया गया है। जल्द यहां के मुहल्ले सीवरेज से जुड़ जाएंगे। -चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू