Jammu Kashmir Lockdown 4: लॉकडाउन से बाहर आया अंडा, दो माह में 50 फीसद ही रहा कारोबार, अब जागी उम्मीद
आर्थिक मामलों के जानकार प्रो. जसबीर सिंह ने कहा कि पोल्ट्री फार्म में किसान अंडा दो रुपये में बेच रहा है तो यह होल सेलर तक पहुंचते तीन से साढ़े तीन रुपये प्रति अंडा हो जाता है।
जेएनएन, जम्मू/श्रीनगर: कोरोना संक्रमण के कारण लोग अंडों से दो माह तक दूर रहे। इसका असर अंडे के कारोबार पर भी पड़ना लाजिमी था। जम्मू-कश्मीर में इसका कारोबार घटकर 50 फीसद तक रह गया। अब लॉकडाउन में ढील से अंडा कारोबारी भी कुछ राहत महसूस कर रहे हैं। लोग रूटीन डाइट में अंडे को शामिल कर रहे हैं। अंडे के दाम में न कमी आई और न उछाल।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 120.9 करोड़ अंडों की खपत होती है। सामान्य रूप से एक अंडा पांच रुपये में मिलता है, मतलब जम्मू-कश्मीर के लोग 603 करोड़ रुपये के अंडे खाते हैं। प्रदेश में अंडों की कुल खपत का एक तिहाई हिस्सा ही पैदा होता है, शेष पंजाब से आता है। दो माह में जम्मू-कश्मीर में अंडों की खपत में कमी आई है। अंडे के कारोबार से प्रदेश में एक लाख लोग जुड़े हैं। जम्मू के होल सेल व्यापारी आरके चोपड़ा ने बताया कि जम्मू प्रांत में करीब पांच गाड़ियां रोजाना पंजाब से अंडा लाती हैं। इनमें से दो गाड़ियां जम्मू और उसके साथ सटे इलाकों में, शेष अन्य जगहों पर आपूर्ति करती हैं। प्रत्येक गाड़ी में हजार डिब्बा होता है। अंडे का भाव रोज बदलता है लेकिन होलसेल मार्केट में हम एक बॉक्स 20 से 30 रुपये के लाभ पर बेचते हैं। रिटेलर पांच रुपये का ही एक अंडा बेचता है।
लॉकडाउन से पहले भी और इस समय भी एक अंडा रिटेलर के पास पांच रुपये में ही मिलेगा। अगर कोई ट्रे खरीदेगा तो उसे सस्ता पड़ सकता है। बीते साल की तुलना अगर इस साल के अप्रैल-मई के सामान्य दिनों के कारोबार से की जाए तो 20 प्रतिशत की कमी आई है। होटल, ठेले, रेस्तरां बंद हैं। पार्टियां नहीं हो रही हैं, इसलिए काम घट चुका है।
कश्मीर में 40 फीसद कमी: श्रीनगर की परिंपोरा मंडी में होलसेल अंडा कारोबारी मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि कश्मीर में अंडा कारोबार 40 प्रतिशत कम रह गया। इससे निपटने को हमने अपना मुनाफा घटाया। प्रति डिब्बा 15-20 रुपया मुनाफा रखकर बेच रहे हैं। लॉकडाउन न होता तो कारोबार 20 फीसद ज्यादा होता।
पोल्ट्री प्रोडक्ट से कोरोना नहीं: पोल्ट्री उद्योग से जुड़े करण सिंह ने बताया कि शुरू में लोगों में यह धारणा थी कि मुर्गे व अंडे के सेवन से कोरोना हो सकता है। बाद में जागरूकता आई और समझा कि पोल्ट्री प्रोडक्ट से कोरोना का कोई संबंध नहीं है। घरेलू उपभोक्ताओं में इसकी मांग तेजी से बढ़ने लगी है।
रोजगार का बड़ा जरिया: आर्थिक मामलों के जानकार प्रो. जसबीर सिंह ने कहा कि पोल्ट्री फार्म में किसान अंडा दो रुपये में बेच रहा है तो यह होल सेलर तक पहुंचते तीन से साढ़े तीन रुपये प्रति अंडा हो जाता है। रिटेलर के पास पांच रुपये का। रेस्तरां में पहुंचता है तो कीमत बढ़ती है। अंडों का बड़ा बाजार होटल,दुकान और स्ट्रीट फूड व्याइंट हैं,लेकिन यह अब बंद हैं।
- अंडे से नुकसान नहीं, फायदा है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम हैं। वायरस कमजोर शरीर पर जल्दी असर करता है। अंडे में प्रोटीन अधिक रहती है, जो रोगों से बचाता है। उबला अंडा अधिक ठीक रहता है। -डॉ. अनीस