कश्मीर में जबरन बंद के खिलाफ अब लामबंद होने लगे लोग, शरारती तत्वों का खुद कर रहे सामना
कुछ बाइक सवार युवक बाजार में पहुंचे आैर उन्होंने जबरन बंद लागू कराने का प्रयास किया लेकिन दुकानदारों ने इन युवकों को घेर लिया आैर वहां से भागने को मजबूर कर दिया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। वादी के लोगों को अब यह बात समझ आने लगी है कि उन्हें बरगला रहे अलगाववादी नेता व राष्ट्र विरोधी तत्व उनके सच्चे हितैशी नहीं है। अगर ऐसा होता तो इन लोगों को उनके बच्चों के भविष्य और सबसे बढ़कर उनकी भूख की चिंता होती। जहां प्रशासनिक अधिकारी उनके बच्चों की प्रभावित हो रही पढ़ाई को सुचारू करने का प्रयास कर रहे है। यही नहीं दुकानदार व दिहाड़ी लगाने वाले लोग काम कर अपना व अपने परिवार का पेट पाल सकें, इसके लिए वादी में शांति का माहौल बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। पर आम लोगों की इन चिंताओं को छोड़ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने वाले राष्ट्र विरोधी तत्व अब स्थानीय लोगों को ही निशाना बना रहे हैं।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आतंकवादी संगठन जहां दुकानदारों-व्यापारियों को कारोबार करने से रोकने के लिए उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बंद को कायम रखने की हिदायत के साथ उन्हें मारने की धमकी दे रहे हैं वहीं पत्थरबाजों के रूप में गली-मुहल्लों व कस्बों में सक्रिय राष्ट्र विरोधी तत्व उनको अपना निशाना बना रहे हैं। लेकिन अब वादी में जबरन बंद को लागू करा रहे जिहादी और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ लोग लामबंद होने लगे हैं। इसका उदाहरण इस बात से भी मिलता है कि वादी के प्रमुख जच्चा-बच्चा अस्पताल ललदेद के पास दुकानों को बंद कराने आए शरारती तत्वों को लोगों ने खदेड़ दिया। वादी में अन्यत्र दिनभर सभी प्रमुख बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, लेकिन सड़कों पर आम लोगों और वाहनों की आवाजाही सामान्य रही। प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। देर शाम तक तनाव के बावजूद स्थिति शांत रही।
वादी में आतंकियों और शरारती तत्वों के हथकंडों के बावजूद लोग उनके फरमान को नजरअंदाज कर रहे हैं। गोगजीबाग में ललदेद अस्पताल के सामने सिर्फ दवा की ही नहीं अन्य दुकानें भी खुल रही हैं। इन्हें बंद कराने के लिए कुछ बाइक सवार युवक बाजार में पहुंचे। उन्होंने दुकानदारों को धमकाते हुए जबरन बंद लागू कराने का प्रयास किया, लेकिन दुकानदारों ने इन युवकों को घेर लिया। कहा जा रहा है कि बंद कराने आए युवकों को अपनी जान बचाते हुए भागना पड़ा।
एक स्थानीय दुकानदार ने नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि हम क्यों बंद रखें। लोग बंद के खिलाफ हैं तभी तो हर जगह सुबह-शाम दुकानें खुल रही हैं। सिर्फ हमारे बाजार में ही नहीं कुछ और इलाकों में भी दिन में दुकानें खुल रही हैं। महराजा बाजार में भी इन तत्वों ने गत मंगलवार को भी दुकानें बंद कराने के लिए पथराव किया था। यहां कोई हड़ताल नहीं चाहता, इसलिए सड़कों पर चहल-पहल है। दफ्तर खुल रहे हैं। सड़कों पर गाड़ियां भी चल रही हैं फिर यह बंद सिर्फ दुकानदारों पर ही क्यों थोपा जा रहा है।
वादी में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल व बैंक खुले
वादी में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल व बैंक खुले हैं। गली-मुहल्लों में ही नहीं, कई जगह प्रमुख बाजारों में भी सुबह-शाम दुकानें खुलीं। सार्वजनिक वाहन बंद थे, लेकिन निजी और तिपहिया वाहन दिनभर सड़कों पर नजर आए। रेहड़ी और ठेलों पर सामान बेचने वाले भी दिनभर सड़कों पर नजर आते रहे। सिर्फ श्रीनगर ही नहीं सोपोर, बारामुला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा व शोपियां में भी दिनभर प्रमुख बाजार बेशक बंद रहे, लेकिन सरकारी कार्यालय खुले और सड़कों पर आम लोगों की आवाजाही बहाल रही। श्रीनगर-काजीगुंड मार्ग पर हाईवे पर स्थित बाजारों में भी कई दुकानें खुली रही। अलगाववादियों और शरारती तत्वों द्वारा जबरन लागू कराए जा रहे बंद को देखते हुए प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रखा। पुलिस के मुताबिक, वादी में स्थिति तनाव के बावजूद शांत और सामान्य रही है।