कश्मीर में 15 युवकों ने आतंक का रास्ता छोड़ शुरू की नई जिंदगी
दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी हिंसा में कमी आई है। दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में कुछ महीनों के दौरान 15 युवकों ने आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल होकर एक नई जिंदगी शुरू की है। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी) कश्मीर एसपी पाणि ने सोमवार को यह दावा किया।
आइजीपी कश्मीर का यह बयान उस समय आया है, जब दक्षिण कश्मीर आतंकियों की नर्सरी के रूप में कुख्यात होता जा रहा है। इस वर्ष कश्मीर घाटी में अब तक 131 लड़के आतंकी बने हैं। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कश्मीर में कुछ वर्षो में आतंकी संगठनों में स्थानीय लड़कों की भागेदारी बढ़ी है, लेकिन कुछ महीनों में हम दक्षिण कश्मीर में 15 लड़कों को उनके परिजनों और दोस्तों की मदद से तबाही के रास्ते से वापस लाने में कामयाब रहे हैं। इन लड़कों ने आतंकवाद से नाता तोड़ मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। राज्य पुलिस इन युवकों के पुनर्वास के लिए हर संभव सहयोग कर रही है।
आतंकी घटनाओं में कुछ दिनों में आई तेजी पर उन्होंने कहा कि समग्र रूप से देखा जाए तो दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी हिंसा में कमी आई है। दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। सोशल मीडिया और शरारती तत्वों के दुष्प्रचार से गुमराह होकर युवक आतंकी संगठनों में जाते हैं, लेकिन हम उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं।
हंदवाड़ा में पिछले दिनों पकड़े गए अल बदर के चार युवकों के बारे में उन्होंने कहा कि यह युवक गुलाम कश्मीर की तरफ जा रहे थे। चारों से पूछताछ की जा रही है। हम इन्हें पर्याप्त काउंसलिंग प्रदान करेंगे। उम्मीद है कि यह लड़के अपनी भूल सुधार कर एक बार फिर सामान्य रूप से अपनी जिंदगी बेहतर बनाने की दिशा में अग्रसर होंगे।