जम्मू-कश्मीर को निहारना-समझना है तो इस बार आइए जरूर, तीन महीने का पर्यटन महोत्सव अक्टूबर से शुरू
Jammu Kashmir Tourism संस्कृति विभाग को प्रदेश के दोनों संभाग के विरासती स्थलों को चिह्नित करते हुए उनके संरक्षण जीर्णोद्धार को सुनिश्चित बनाने दोनों संभाग की कला संस्कृति को प्रोत्साहित-प्रचारित करने सांस्कृतिक मानचित्रण और इवेंट कैटलॉगिंग का निर्देश भी दिया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर की समृद्ध लोक संस्कृति, परंपरा, प्राकृतिक सौंदर्य को अगर नजदीक सेे देखना, समझना और उसका आनंद लेना है, तो यहां आने की तैयारी कर लीजिये। तीन माह चलने वाला पर्यटन महोत्सव अक्टूबर में शुरू हो जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित हो रहे पर्यटन महोत्सव का सिलसिला जनवरी 2022 में गुलमर्ग की हिमच्छादित चोटियों में विंटर काॢनवाल तक चलेगा।
प्रस्तावित पर्यटन महोत्सव में सूफी संगीत, शिकारा दौड़, केसर मेला, साहित्यिक सम्मेलन भी होगा। प्रदेश के मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित होने वाले त्रैमासिक पर्यटन मेले की तैयारियों का जायजा लिया है। मेले की शुरुआत अक्टूबर में रुह-ए-सूफी महोत्सव से होगी। इसमें हाफिज नगमा, कलाम-ए-खुसरु, कलाम-ए-बाबा फरीद, कव्वाली, दरवेश सूफी नाच अैर हाजिरी कत्थक होगा। इसके अलावा सूफीवाद पर एक साहित्यिक सम्मेलन भी होगा। कैलीग्राफी और सूफी परंपरा से जुड़ी कला की एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
हाउसबोट महोत्सव और नव वर्ष का स्वागत: रुह-ए-सूफी महोत्सव के साथ ही अक्टूबर में ही आटम और हाउसबोट महोत्सव आयोजित किया जाएगा। नवंबर में विश्व विरासत दिवस और केसर महोत्सव होगा। दिसंबर में श्रीनगर व गुलमर्ग में क्रिसमस के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। 31 दिंसबर को नववर्ष के स्वागत में एक समारोह भी होगा।
जम्मू संभाग में यह सब होगा: जम्मू संभाग में जम्मू महोत्सव, नवरात्रि महोत्सव, चिनाब दरिया में व्हाइट वाटर राफ्टिंग प्रतियोगिता, मानसर-सुरुंईसर महोत्सव, पत्नीटाप विंटर काॢनवाल और लोहड़ी मेला आयोजित किया जाएगा।
गुलमर्ग में स्नो फेस्टिवल लुभाएगा: पर्यटन महोत्सव के तहत विभिन्न पर्यटनस्थलों की भौगोलिक विशेषता को भी ध्यान रखते हुए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सोनमर्ग में आटम तो पहलगाम में विंटर फेस्टिवल हागा। खदनियार में सांस्कृतिक मेला लगेगा, गुलमर्ग में स्नो फेस्टिवल होगा। बसोहली में कला महोत्सव और माता वैष्णो देेवी संगीन सम्मेलन होगा। किश्तवाड़ में केसर और सुचतेगढ़ में सीमा दर्शन होगा।
ग्रामीण पर्यटन भी निखरेगा: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होकरसर-परिहासपोारा-गोहान, गुलगर्ग, वडरवाला, नौगाम-मावर-लोलाब, बडग़ाम में चरार-ए-शरीफ-दूधपथरी-यूसमर्ग , बांडीपोरा में सदरकूट पाइन-वटलाब, डोडा जिले में भद्रवाह-सरथल-बनी, राजौरी में तत्तापानी-चिंगस और ऊधमपुर में सुद्धमहादेव-मानतलाई-डुडु-बसंतगढ़ सर्किट में विशेष पर्यटन गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इनमें स्थानीय दस्तकारी, खान-पान और कला संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम होंगे।
पर्यटन क्षेत्र को पटरी पर लाने की कवायद: मुख्य सचिव ने संस्कृति विभाग को प्रस्तावित पर्यटन महोत्सव को लेकर बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाने को कहा है। उन्होंने संस्कृति विभाग को प्रदेश के दोनों संभाग के विरासती स्थलों को चिह्नित करते हुए उनके संरक्षण, जीर्णोद्धार को सुनिश्चित बनाने, दोनों संभाग की कला संस्कृति को प्रोत्साहित-प्रचारित करने, सांस्कृतिक मानचित्रण और इवेंट कैटलॉगिंग का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि तीन माह चलने वाला यह पर्यटन महोत्सव जम्मू कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने का एक प्रभावशाली और व्यावहारिक साधन व अवसर हैं। हमें इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। इसे सफल बनाने के लिए पर्यटन और संस्कृति विभाग को सभी संबंधित पक्षों के साथ पूरा संवाद और समन्वय बनाए रखना चाहिए।