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जम्मू कश्मीर, लद्दाख में दुश्मन को घेरने को युद्धस्तर पर बन रहे पुल, 3 महीनों में तैयार हुए 26 अहम पुल

पूर्वी लद्दाख में चीन को घेरने की रणनीति में LAC पर बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना बहुत अहमियत रखता है। ऐसे में लद्दाख में करीब तीस पुलाें के निमार्ण के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई जारी है। मंजूर 142 सड़क प्रोजेक्टों में से 96 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 07:30 PM (IST)
जम्मू कश्मीर, लद्दाख में दुश्मन को घेरने को युद्धस्तर पर बन रहे पुल, 3 महीनों में तैयार हुए 26 अहम पुल
लद्दाख में सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की मुहिम पिछले दो साल से जारी है।

जम्मू, विवेक सिंह: केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख व जम्मू कश्मीर में सीमांत क्षेत्रों में युद्धस्तर पर बन रहे पुल दुश्मन की चुनौती का सामना करने के लिए भारतीय सेना को लगातार मजबूत बना रहे हैं। पूर्वी लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों से हिसंक झड़कों के बाद सेना की आपरेशनल तैयारियों को तेजी देने के लिए लद्दाख में जम्मू कश्मीर में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 26 नए पुल बनकर तैयार हो गए हैं। इनमें से 17 पुल तैयार हाेने के बाद उद्घाटन का इंतजार कर रहे हैं।

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रक्षामंत्री ने जुलाई महीने में सीमा सड़क संगठन द्वारा जम्मू कश्मीर में तैयार किए गए छह पूर्वी लद्दाख में तैयार किए गए 3 पुलों का उद्घाटन किया था। इस समय उद्घाटन का इंतजार कर रहे 17 पुलों में से 10 जम्मू कश्मीर व 7 लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन 17 पुलों समेत देश में बने 43 पुलों का वीरवार को उद्घाटन करना था। केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी का निधन हो जाने के कारण इस कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है।

पूर्वी लद्दाख में चीन को घेरने की रणनीति में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना बहुत अहमियत रखता है। ऐसे में लद्दाख में करीब तीस पुलाें के निमार्ण के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई जारी है। वहीं क्षेत्र के लिए मंजूर 142 सड़क प्रोजेक्टों में से 96 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। वहीं पुलों के मंजूर 30 प्रोजेक्टों में से दस बनकर तैयार हो चुके हैं। नए पुलों व सड़कों को सर्दी गहराने से पहले तैयार करने को छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य कुछ राज्यों से लाए गए श्रमिक युद्ध् स्तर पर काम कर रहे हैं।

लद्दाख में सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की मुहिम पिछले दो साल से जारी है। इन दो सालों में इस केंद्र शासित प्रदेश में सीमा सड़क संगठन ने करीब 50 छोटे, बड़े पुल तैयार किए हैं। चीन के आक्रामक होने के बाद आपरेशनल तैयारियों की तरह ही बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में सारी ताकत झौंक दी गई है। सीमा सड़क संगठन के अधिकारी ने जागरण को बताया कि विकास के इन प्रोजेक्टों को तय समय से पहले पूरा करने की जद्दोजहद की जा रही है। पूरी काेशिश की जा रही है कि कोरोना से उपजे हालात का विकास को तेजी देने की मुहिम पर असर न पड़े।

इसी बीच नए पुल बनाने के साथ पूर्वी लद्दाख में सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए पुराने पुलों को मजबूत बनाया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन ने पूर्वी लद्दाख के दरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क के सभी पुराने पुलों को 70 टन भार बर्दाश्त करने में सक्षम बनाने का अभियान छेड़ रखा है। पंद्रह अक्टूबर तक यह कार्य पूरा होेने के बाद इन पुलों से ट्राले पर टी 90 टैंकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। कुछ समय पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से 45 किमी की दूरी पर श्योक नदी पर बने कर्नल छिवांग रिनचिन पुल से टी 90 भी गुजारे जा सकते हैं।

जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद का कहना है कि रक्षामंत्री जम्मू कश्मीर में जिन 10 पुलों का उद् घाटन करने जा रहे हैं, वे रणनीतिक रूप से अहम हैं। उनका कहना है कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से लगते इलाकों में बनाए गए ये पुल सीमा की रक्षा के लिए बहुत मायने रखते हैं। सीमांत इलाकों में पुलों के बनने से सेना के साथ दूरदराज के लोगों को भी फायदा हो रहा है। इससे उनके आर्थिक, सामाजिक जीवन में भी बेहतरी आ रही है। 


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