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बिश्नाह और अरनिया तहसील के हर गांव में ओलावृष्टि से बर्बादी का मंजर

इस समय जम्मू जिले की बिश्नाह और अरनिया तहसील में धान की फसल पकने के कगार पर थी लेकिन शनिवार तड़के हुई मूसलधार बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 07:23 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 07:23 AM (IST)
बिश्नाह और अरनिया तहसील के हर गांव में ओलावृष्टि से बर्बादी का मंजर

संवाद सहयोगी, बिश्नाह: इस समय जम्मू जिले की बिश्नाह और अरनिया तहसील में धान की फसल पकने के कगार पर थी, लेकिन शनिवार तड़के हुई मूसलधार बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। तेज आंधी के साथ पहले मूसलाधार बारिश हुई। इसके बाद बारिश के साथ दोपहर में दो-तीन बजे तक पांच-छह बार ओलावृष्टि हुई। इससे इन दोनों तहसीलों में हजारों हेक्टेयर जमीन में लगी धान और सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। इससे क्षेत्र के किसान जिस तकलीफ से गुजर रहे हैं, उसे और कोई नहीं समझ सकता है।

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किसानों को पता है कि जिस तरह से खेत में गिरी फसल को ओलों ने ढक लिया, उससे अब उनके हाथ कुछ नहीं आने वाला है। दोपहर बाद जब बारिश रुकी तो किसान अपने खेतों में गए और वहां का दृश्य देखकर अपना माथा पकड़कर वहीं बैठ गए। अन्नदाता पर मौसम की यह मार उनकी तकलीफ को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाली साबित हुई है। फसल तैयार होने पर किसी को अपनी बेटी की शादी के लिए इंतजाम करने होते हैं तो किसी को कर्ज चुकाना होता है। और भी कई ऐसे काम होते हैं जो किसान फसल पकने के बाद ही कर पाता है। वर्ष 2019 में बर्बाद हुई फसल का अब तक नहीं मिला है मुआवजा

बिश्नाह के किसान यशपाल बुड्ढा ने कहा कि 2019 में भी हमारी धान की फसल पर बारिश की मार पड़ी थी। इसका मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है। अब शनिवार को ओलावृष्टि ने पककर तैयार धान की फसल चौपट कर दी। बिश्नाह में चक्कबाना, शाहपुर, रेहाल, अरनिया, तरेवा, जावोबाल, चनाना, पिडी चारका कूल, कूल खुर्द, मक्खनपुर, लसवाड़ा आदि दर्जनों गांवों में किसानों की धान और सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अब कर्ज चुकाने की खाए जा रही चिंता

बिश्नाह के किसान नरेश कुमार ने कहा कि किसान हमेशा परेशान रहते हैं। इस समय जब हम धान की फसल को घर ले जाने की तैयारी कर रहे थे तो ओलावृष्टि ने सब बर्बाद कर दिया। उधार पैसे लेकर फसल लगाई थी। अब कर्ज कैसे चुकाएंगे यही चिंता खाए जा रही है। बच्चों की पढ़ाई, दवा-इलाज के अलावा परिवार के दर्जनों काम धान की फसल पकने पर पूरे होते, लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया। समय में नहीं आ रहा है कि अब परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। सरकार को सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा देना चाहिए।


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