Babar Qadri Murder Case: सेंट्रल जेल श्रीनगर से जारी हुआ था एडवोकेट बाबरी कादरी की हत्या का फरमान, 2 कैदी गिरफ्तार
हत्या के इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने हाल ही में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उनकी पहचान श्रीनगर के खानयार के शाहिद शफी मीर श्रीनगर नौहट्टा के जाहिद फारूक खान और श्रीनगर में रहमानिया कॉलोनी के आसिफ भट के रूप में हुई है।
श्रीनगर, जेएनएन। एडवोकेट बाबर कादरी हत्या मामले की जांच में जुटी पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने सेंट्रल जेल श्रीनगर में बंद दो कैदियों को इस संबंध में गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान इन दोनों कैदियों के नाम सामने आए हैं। श्रीनगर लाल बाजार में मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों को अपनी हिरासत में ले लिया। इनकी पहचान मुनीर अजीज वार उर्फ कारी पुत्र अब्दुल अजीज वार निवासी हटमुल्ला कुपवाड़ा और तौसीफ अहमद शाह पुत्र गुलाम मोहम्मद शाह निवासी परीमपोरा श्रीनगर के रूप में हुई है। ये दोनों श्रीनगर सेंट्रल जेल में बंद थे।
आपको बता दें कि एडवोकेट कादरी की गत 24 सितंबर को श्रीनगर के हवाल इलाके में उनके घर पर दो नकाबपोश लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। परिजनों ने बताया कि वे लोग अपने हाथों में कुछ फाइलें लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि एक दुर्घटना हुई है और वह इस संबंध में एडवोकेट कादरी से चर्चा करना चाहते हैं। जैसे ही कादरी उनसे बात करने के लिए आए नकाबपोशों ने उनके सिर पर गोली मार दी। वे वहां से फरार हो गए। परिजनों व स्थानीय लोगों की मदद से एडवोकेट कादरी को शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) अस्पताल ले जाया गया परंतु वहां उनकी मौत हो गई। उन्हें अकसर टीवी कार्यक्रमों में कश्मीर मामले में बहस करते हुए देखा जाता था।
हत्या के इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने हाल ही में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उनकी पहचान श्रीनगर के खानयार के शाहिद शफी मीर, श्रीनगर नौहट्टा के जाहिद फारूक खान और श्रीनगर में रहमानिया कॉलोनी के आसिफ भट के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारियां उसी विशेष जांच कमेटी ने की जिसका गठन आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने एडवोकेट कादरी की हत्या के बाद किया था। टीम का नेतृत्व एसपी हजरतबल कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपितों को कादरी के परिवार के सदस्यों और उनके दोस्तों की मदद से पहचान लिया गया है। उन्हें 26 दिसंबर तक श्रीनगर की सेंट्रल जेल में न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान इन्हीं तीन लोगों ने बताया कि उन्हें बाबर कादरी की हत्या के लिए दो व्यक्तियों से दिशा-निर्देश मिले थे, जो सेंट्रल जेल श्रीनगर में हैं। इस बात की पुष्ट होने पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट से इजाजत लेकर तौसीफ और मुनीर को सेंट्रल जल प्रबंधन से अपनी हिरासत में लिया है। अब उनसे यह पूछताछ की जा रही है कि उन पर लगाए गए आरोप सही है या नहीं। अगर यह सही हैं तो पुलिस को शक है कि उन्हें भी ऐसा करने के लिए किसी अन्य ने कहा होगा।
पुलिस ने यह खुलासा किया है कि हत्या में शामिल जाहिद फारूक खान पत्थरबाज है। उसे अगस्त 2019 में पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में भी लिया गया था। वह हाल ही में रिहा किया गया था। वहीं तौसीफ शाह को आतंकवादियों से संबंध होने और मुनीर अजीज पर एक हत्या का मामला चल रहा है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि तौसीफ शाह और मुनीर अजीज ने जेल में रहकर कादरी की हत्या के लिए इन तीनों तक अपना संदेश कैसे पहुंचाया। उन्हें शक है कि इस साजिश में और कई लोग शामिल हैं।