गांवों में सड़कें नहीं, चारपाई पर अस्पताल पहुंचाए जाते हैं मरीज
जिला रियासी के पौनी ब्लाक की ही बात करें तो यहां कई गांवों तक तो सड़क नहीं पहुंची है।
पौनी, जेएनएन : राज्य के अभी सैकड़ों गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। जिला रियासी के पौनी ब्लाक की ही बात करें तो यहां कई गांवों तक तो सड़क नहीं पहुंची है। अगर इन गांवों में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे चारपाई पर लिटाकर या पीठ पर उठाकर पांच से छह किलोमीटर पैदल चलकर पक्की सड़क तक पहुंचाना पड़ता है जिसमें काफी समय लग जाता है। कई बार जब तक मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। सर्दियों में ऐसे मामले अधिक बढ़ जाते हैं। शुक्रवार को भी मता गांव में बीमार होने पर गुज्जर बक्करबाल समुदाय के कुछ लोगों ने मरीज को चारपाई पर लिटाकर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया।
सर्दियों में बीमारों की संख्या में होती है बढ़ोतरी
सर्दी का मौसम आते ही लोग ठंड से ठिठुरने लगते हैं। बच्चे हों या फिर बुजुर्ग हरेक गर्म कपड़ों में लिपटा नजर आता है। दूर-दराज के गांव में रहने वाले लोगों के लिए सर्दी मुसीबत से कम नहीं होती। गांवों में सड़क न होने से बीमार होने पर उन्हें चारपाईयों का सहारा लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचना पड़ता है। अधिकतर लोग तो आज भी घरेलू नुखसे अपनाकर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं। मौसम में बदलाव हो रहा है ऐसे में पिछले एक महीने में स्वास्थ्य विभाग के जोन पौनी में प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी में करीब दो हजार मरीज आपने स्वास्थ्य की जांच करवाने के लिए पहुंचे हैं। कई बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं जुकाम, खांसी, बुखार जैसी बीमारी से ग्रस्त हैं।
खांसी-जुकाम-बुखार भी बन जाती है बड़ी बीमारी
गांवों में सड़क न होने के कारण वहां रहने वाले लोगों के लिए खांसी-जुकाम व बुखार जैसी मामूली बीमारियां भी बड़ी लग रही हैं। घरेलू नुखसे काम न आने पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी, भांवला, भारख, रनसू व ठाकराकोट में रोजाना सैकड़ों मरीज अपना इलाज करवाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि बारिश के बाद मौसम बदल रहा है, जिससे लोग खांसी, जुकाम, सिरदर्द व बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण यही मामूली बीमारियां बड़ी साबित हो रही हैं।
चिकित्सा शिविर लगाकर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा
पौनी जोन के भीतर आते सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अब तक एक महीने में करीब दो हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। मरीजों के इलाज में पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है। जो इलाज के लिए नहीं पहुंच सकते ऐसे दूरदराज गांव में चिकित्सा शिविर लगाने के लिए डाक्टरों की टीमें गठित की गई हैं। हर गांव में पहुंच कर निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। - डॉ. रशपाल सिंह, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, पौनी
पिछले एक महीने में अस्पताल पहुंचे मरीज
- पीएचसी पौनी 600
- पीएचसी भांवला 300
- पीएचसी रनसू 300
- पीएचसी भारख 350
- पीएचसी ठाकराकोट 450