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कश्मीरी पंडितों ने कहा- घाटी वापसी के लिए सैटेलाइट कालोनियां बनाई जाए तो वे रहेंगे सुरक्षित

घाटी में अलग से कालोनियां बनाना हर कश्मीरी पंडित की इच्छा है मगर सरकार इसे साकार करने की दिशा में काम नहीं कर रही। सोन कश्मीर व जगटी टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता रविवार को जगटी में कश्मीरी विस्थापित पंडितों को संबोधित कर रहे थे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 08:01 PM (IST)
हर कालोनी में 25 हजार कश्मीरी पंडित परिवारों के रहने की व्यवस्था की जाए।

जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीरी पंडितों ने कहा है कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी उनके अनुरूप ही होनी चाहिए। सरकार कदम आगे बढ़ाते हुए घाटी में सैटेलाइट कालोनियों की स्थापना की दिशा में काम करें। घाटी में अलग से कालोनियां बनाना हर कश्मीरी पंडित की इच्छा है, मगर सरकार इसे साकार करने की दिशा में काम नहीं कर रही। सोन कश्मीर व जगटी टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता रविवार को जगटी में कश्मीरी विस्थापित पंडितों को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित चाहता है कि अनंतनाग, बारामूला व श्रीनगर क्षेत्र में सरकार कश्मीरी पंडितों के लिए तीन कालोनियां बनाए। हर कालोनी में 25 हजार कश्मीरी पंडित परिवारों के रहने की व्यवस्था की जाए। इससे सारा कश्मीरी पंडित घाटी से जुड़ जाएगा और सुरक्षित माहौल में रह पाएगा। कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी का सपना पूरा हो जाएगा। अगर यह कालोनियां बन गईं तो कश्मीरी पंडित एक-एक जगह रहेंगे और अपनी सुरक्षा खुद कर लेंगे। लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठा रही। ऐसा लगता है कि सरकार कश्मीरी पंडितों की घर वापसी चाहती ही नहीं है।

शादी लाल पंडिता ने कहा कि पिछले 32 साल से कश्मीरी पंडित जम्मू, ऊधमपुर व देश के अन्य इलाकों में रहकर अपनी गुजर बसर कर रहे हैं, लेकिन यह लोग अपनी मिट्टी से जुड़ना चाहते हैं। मौके पर आरके टिक्कू ने मांग की कि सरकार विस्थापित कश्मीरी पंडितों की भी बात सुने। इन लोगों की मासिक राहत राशि में बढ़ोतरी तो करे ही वहीं हर परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दे। तभी यह कश्मीरी पंडित एक सामान्य जीवन जी सकेगा।

उन्होंने कहा कि आज विस्थापित परिवार प्रति माह 13 हजार रुपये की नकद राहत पा रहा है, लेकिन इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाना चाहिए। अपनी मांगों को लेकर पिछले 476 दिनों से कश्मीरी विस्थापित लोग प्रदर्शन पर हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही। इसलिए अब विस्थापित कश्मीरी पंडित मार्च माह में दिल्ली पहुंच कर जंतर-मंतर पर धरना देने का मन बना रहे हैं।


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