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हुर्रियत कांफ्रेंस के कश्मीर बंद का नहीं दिखा कोई असर, सामान्य दिनों की तरह चलती रही जिंदगी

हुर्रियत कांफ्रेंस ने 21 मई को कश्मीर बंद का आह्वान करते हुए लोगों से मजार-ए-शौहदा ईदगाह में जमा होने और दिवंगत मीरवाइज फारूक अहमद और पीपुल्स कांफ्रेंस के संस्थापक दिवंगत अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कहा था। आज इन दोनों नेताओं की बरसी थी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 08:53 PM (IST)
हुर्रियत कांफ्रेंस के कश्मीर बंद का नहीं दिखा कोई असर, सामान्य दिनों की तरह चलती रही जिंदगी
स्थिति पूरी तरह सामान्य रही। हर जगह सामान्य दिनों की तरह जिंदगी अपनी रफ्तार से दौड़ती रही। फाइल फोटो

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : घाटी में शनिवार को डाउन-टाउन के कुछेक हिस्सों में कुछ दुकानें ही बंद नजर आयी। अन्यत्र स्थिति पूरी तरह सामान्य रही। हर जगह सामान्य दिनों की तरह जिंदगी अपनी रफ्तार से दौड़ती रही। हुर्रियत कांफ्रेंस द्वारा बुलाए गए बंद को लोगों ने पूरी तरह ठेंगा दिखा दिया। हुर्रियत कांफ्रेंस ने 21 मई को कश्मीर बंद का आह्वान करते हुए लोगों से मजार-ए-शौहदा, ईदगाह में जमा होने और दिवंगत मीरवाइज फारूक अहमद और पीपुल्स कांफ्रेंस के संस्थापक दिवंगत अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कहा था। आज इन दोनों नेताओं की बरसी थी।

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मीरवाइज फारूक अहमद कश्मीर के मौजूदा मीरवाइज और हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक के पिता हैं। अब्दुल गनी लोन पीपुल्स कांफ्रेंस के मौक जूदा चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के पिता हैं। मीरवाइज फारूक अहमद को 21 मई, 1990 को आतंकियों ने उनके घर में ही मौत के घाट उतार दिया था। अब्दुल गनी लोन की हत्या 21 मई, 2002 को उस समय हुई जब वह दिवंगत मीरवाइज फारूक अहमद की बरसी पर ईदगाह श्रीनगर में आयाेजित हुर्रियत कांफ्रेंस की एक सभा में भाग ले रहे थे।

हुर्रियत कांफ्रेंस ने शनिवार को अपने दिवंगत नेताओं की बरसी पर कश्मीर बंद का अाह्वान किया था। इसका असर सिर्फ डाउन-टाउन के कुछेक हिस्सों में सिर्फ दुकानों तक सीमित रहा। अन्यत्र स्थिति पूरी तरह सामान्य रही। इस दौरान किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में एहतियात के तौर पर सुरक्षा का भी पूरा बंदोबस्त रखा था, लेकिन किसी जगह कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। कोई भी व्यक्ति मीरवाइज फारुक अहमद की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनकी कब्र पर नहीं पहुंचा।

ईदगाह में भी कोई जमा नहीं हुआ। अलबत्ता, पीडीपी और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने दिवंगत अब्दुल गनी लोन के साथ मीरवाइज फारूक अहमद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने बयान जरूर जारी किए। पीडीपी और माकपा ने काह कि आतंकियों के हाथों मारे गए यह दोनों नेता कश्मीर में अमन और भाईचारें में यकीन रखते थे। वह कश्मीर मसले को बातचीत के जरिये हल करने के पक्षधर थे।

पिता के हत्यारे आतंकी दोजख में सड़ेंगे : सज्जाद गनी लोन

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने अपने पिता को अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने अाधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि मेरे पिता को उनकी विचारधारा में अटूट विश्वास के कारण कत्ल किया गया। जिन्होंने उनका कत्ल किया, वह आतंकी थे और दोजख में सड़ेंगे। हर वर्ष जब भी 21 मई का दिन नजदीक आने लगता है, मैं कांपने लगता हूं। वह अत्यंत पीड़ादायक पल थे। कोई परिवार अपने एक प्रियजन का गोलियों से छलनी शव देखकर कैसा महसूस करता है, वह पीड़ादायक बेबसी हमेशा जिंदगी भर आपका पीछा करती है। जब कभी भी हमारी घाटी में केाई व्यक्ति मारा जाता है। मैं अच्छी तरह से अंदाजा लगा सकता हूं कि उसके घर में क्या हो रहा होगा, उसके प्रियजनों की आंखों से निकलते आंसू, उनकी करुणामय रुदन और गुस्सा-एक जैसा ही होता है।


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