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होमगार्ड जवानों ने सचिवालय घेराव का किया प्रयास, कहा-सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करे सरकार

जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल प्रतिदिन तीन हजार रुपये वेतन ले रहा है लेकिन इसके विपरीत होमगार्ड का जवान को मात्र कुछ रुपये ही ले रहा रहै। अब तो आलम यह है कि उनके पास अपने परिवार का पोषण करने के लिए भी पैसे नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 12:59 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 12:59 PM (IST)
होमगार्ड जवानों ने सचिवालय घेराव का किया प्रयास, कहा-सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करे सरकार
इम्पलाइज एसोसिएशन ज्वाइंट कमेटी के चेयरमैन बाबू हुसैन ने भी होमगार्ड जवानों को संबोधित किया।

जम्मू, जागरण संवादददाता: स्थायी किए जाने की मांग को लेकर वर्षो से संघर्षरत होमगार्ड जवानों ने उप राज्यपाल प्रशासन से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की गुहार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सरकारों को होमगार्ड को पुलिस विभाग में भर्ती करने और उनके पुनर्वास की नीति बनाने को कहा है।

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सोमवार को प्रदर्शनी मैदान के बाहर प्रदर्शन ऑल जेएंडके होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन यूटी की प्रधान कमला शर्मा की अगुवाई में जम्मू और आसपास के क्षेत्रों से होमगार्ड जवान एकत्रित हुए। इस दौरान होमगार्ड ने सचिवालय की ओर जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें प्रदर्शनी मैदान से आगे नहीं जाने दिया। प्रदर्शन के दौरान हाेमगार्ड ने हाथ में कटोरा पकड़ कर भीख मांगी।

एसोसिएशन की प्रधान कमला शर्मा ने कहा कि उनकी मांग जायज है और राज्य हाईकोर्ट ने भी उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके बावजूद सरकार उनकी सेवाओं को स्थायी नहीं कर रही और उनकी फाइल सालों से सचिवालय में धूल फांक रही है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल प्रतिदिन तीन हजार रुपये वेतन ले रहा है, लेकिन इसके विपरीत होमगार्ड का जवान को मात्र कुछ रुपये ही ले रहा रहै। अब तो आलम यह है कि उनके पास अपने परिवार का पोषण करने के लिए भी पैसे नहीं है। उनका परिवार आज भूखमरी की कगार पर है।

यही कारण है कि वे हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने को मजबूर है। प्रदर्शन के दौरान इम्पलाइज एसोसिएशन ज्वाइंट कमेटी के चेयरमैन बाबू हुसैन ने भी होमगार्ड जवानों को संबोधित किया। 


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