Jammu Kashmir : वन बूटियों से निकल रहा पहाड़ी बच्चों का खर्च
जम्मू के पहाड़ों में पड़ने वाले पर्यटन स्थलों के आसपास डेरा लगाने वाले खानाबदोश लोगों के बच्चे पढ़ाई के साथ साथ अपनी पढ़ाई का खर्चा भी बना रहे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू के पहाड़ों में पड़ने वाले पर्यटन स्थलों के आसपास डेरा लगाने वाले खानाबदोश लोगों के बच्चे पढ़ाई के साथ साथ अपनी पढ़ाई का खर्चा भी बना रहे हैं। पहाड़ों में होने वाले जंगली साग सब्जी व फूल चुनकर पर्यटकों को देते हैं और बदले में पाते हैं कुछ रुपये। प्राकृति सौंदर्य पाकर पर्यटक भी खुश और बच्चे भी जिनका जेब खर्च भी निकल आता है।
जम्मू संभाग के सनासर, पत्नीटाप, नत्थाटाप व साथ लगते क्षेत्रों में अनेकों खानाबदोश परिवार इन दिनों यहां पर अपने माल मवेशी के पालन के लिए आए हुए हैं। ऐसे में बच्चे मोबाइल स्कूलों में शिक्षा हासिल करते हैं और खाली समय में पहाड़ों से वन फूल चुनकर ले आते हैं। पिछले समय में बच्चों ने कसरोट की साग चुनकर पर्यटकों तक पहुंचाया और बदले में पैसे पाए। चूंकि अब कसरोट के दिन गुजर गए लेकिन तब हर बच्चा एक दिन में 40-50 रुपये कमा लेता था।
हालांकि कोरोना महामारी के कारण अब पर्यटक बहुत कम आ रहे हैं, लेकिन जो भी आता है इन बच्चों से कुछ न कुछ जरूर खरीद लेता है। सड़क किनारे अपने सामान के साथ यह बच्चे पर्यटकों का इंतजार करते हैं। इन दिनों पहाड़ों में खिले रंग बिरंगे फूलों का गुलदस्ता बनाकर यह पर्यटकों को बेच रहे हैं। एक गुुलदस्ते में कई जंगली फूल होते हैं और यह 20 से 30 रुपये मे बिक जाता है।
पहाड़ों में रह रही एक बच्ची साजिया का कहना है कि इन दिनों काम बहुत कम है। पर्यटक कम रहते हैं लेकिन फिर रविवार के दिन लोग आ ही जाते हैं और इन लोगों को हम फूलों के गुलदस्ते देते हैं। चूंकि मासूम बच्चे हैं इसलिए कोई इनको मना भी नही करता । पहाड़ों में कुदरती तौर पर उगे फूल इन बच्चों की पढ़ाई का खर्चा तो निकालते ही हैं वहीं जेब खर्च भी बनाते हैं। गुजरू क्षेत्र में डेरा लगाने वाले मोहम्मद द्दीन का कहना है कि पर्यटक चलते रहें तो बच्चे अपना र्ल निकाल ही लेते हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही कोरोना महामारी से निजात मिलेगी और हर ओर खुशहाली ही होगी।