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बावे वाली माता मंदिर में दुर्गाष्टमी पर लगा श्रद्धालुओं का तांता, घरों में हुआ कंजक पूजन

बावे वाली माता के मंदिर का द्वार खुलने से पहले ही श्रद्धालु पहुंच गए थे। पहले पहर से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई। दोपहर बाद रश कम हुआ परंतु भक्तों का आना अभी भी लगातार जारी

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 02:02 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 02:02 PM (IST)
बावे वाली माता मंदिर में दुर्गाष्टमी पर लगा श्रद्धालुओं का तांता, घरों में हुआ कंजक पूजन
बावे वाली माता मंदिर में दुर्गाष्टमी पर लगा श्रद्धालुओं का तांता, घरों में हुआ कंजक पूजन

जम्मू, जेएनएन। दुर्गाष्टमी के पावन अवसर पर मंदिरों में सुबह तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। इस बार अष्टमी व नवमीं एक ही दिन होने की वजह से व्रतियों ने नौ कन्याओं का पूजन कर मां के दरबार में नतमस्तक होकर परिजनों की सुख-समृद्धि की कामना की। माता के बहुत से भक्तों ने सुबह 11.40 बजे से पहले कन्या पूजन करने के बाद अष्टमी वाले दिन ही बहते पानी में साख प्रवाहित की जबकि नवमी के दिन व्रत संपन्न करने वाले लोगों ने भी दोपहर 12 बजे के बाद पूजन कर घरों में स्थापित साख प्रवाहित की। तवी नदी, रणबीर नहर में इस दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था।

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अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी का पूजन हुआ। सुबह महागौरी की पूजा के बाद घर में नौ कन्याओं और एक बालक को घर पर आमंत्रित कर सभी कन्याओं और बालक की पूजा करने के बाद उन्हें हलवा, पूड़ी और चने का भोग दिया गया। इसके अलावा उन्हें भेंट और उपहार देकर विदा किया गया। माता के सभी मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। खासकर बावे वाली माता के मंदिर का द्वार खुलने से पहले ही श्रद्धालु पहुंच गए थे। पहले पहर से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई। दोपहर बाद रश कम हुआ परंतु भक्तों का आना अभी भी लगातार जारी है।

वहीं, कौल कंडौली माता नगरोटा के अलावा माता के दूसरे मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। कई स्थानों पर माता के जागरण रखे गए थे। लोगों ने घरों में भी सतसंग आयोजित किए हुए थे। कई मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई थी। तवी, नहर, चिनाब, उत्तरवाहिनी आदि कई स्थानों पर श्रद्धालु साख प्रवाहित करने पहुंचते रहे।

दुर्गाष्टमी पर हुआ कंजक पूजन

मा दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना के बाद श्रद्धालुओं ने कंजक पूजन कर व्रत संपन्न किए। इस अवसर पर घर में धन-धान्य की वर्षा के लिए हवन यज्ञ भी करवाए गए। नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और फलदायिनी है। अपने भक्तों के लिए अन्नपूर्णा स्वरूप मानी जाने वाली मां गौरी की विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद श्रद्धालुओं ने घरों व मंदिरों में कन्या पूजन कर मां की कृपा प्राप्त की। माता को नारियल, हलवे का भोग लगाने के साथ घरों में हवन-यज्ञ का आयोजन भी हुआ।

 

बावे माता के दरबार उमड़े श्रद्धालु

सारा शहर मां शक्ति की महिमा व भक्ति में सराबोर नजर आ रहा है। बावे वाली माता मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भक्तों की भीड़ सुबह तड़के से लगी है। माता का स्वरूप धारण कर कई नन्हीं कन्याएं मंदिर परिसर के बाहर बैठी हुई हैं, जिनकी श्रद्धालु पूजन कर रहे हैं। इस अवसर पर मन्नत चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक है। मंदिर प्रांगण में कई लंगर भी लगाए गए हैं। वहीं नवमीं में कंजक पूजन करने वाले लोगों ने पूजा की यह विधि सुबह 11.51 बजे के बाद शुरू की। नवमी शुरू होने पर श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन करने के बाद घरों में लगाई की माता की साख को तवी नदी में प्रवाहित किया। हालांकि रविवार को भी रामनवमी व दशमी एक ही दिन है परंतु श्रद्धालु सुबह नौ बजे से पहले घरों में स्थापित साख चलते जल में प्रवाहित कर सकते हैं।


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