चंद पैसों की खातिर नाबालिग अपनी जान जोखिम में डालकर हाथों में पकडे है घोड़ों की लगाम
शिवखोड़ी ट्रैक पर काफी संख्या में 12 से 15 वर्ष के लड़के रनसू से तीन किमी शिवखोड़ी गुफा तक श्रद्धालुओं को भोले बाबा के दर्शन कराने के लिए घोड़ों पर ढोने का काम कर रहे हैं
पौनी, संवाद सहयोगी। किशोरावस्था में जिन हाथों में किताबें होनी चाहिए, उन हाथों में अगर घोड़ों की लगाम हो तो कितनी हैरानी की बात होगी। चंद पैसों की खातिर ये किशोर अपनी जान जोखिम में डालकर मेहनत मजदूरी करने में जुटे हैं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद लगता है कि इन नाबालिगों के हाथों से घोड़ों की लगाम छूटेगी।
बता दें कि इन दिनों शिवखोड़ी ट्रैक पर काफी संख्या में 12 से 15 वर्ष के लड़के रनसू से तीन किमी शिवखोड़ी गुफा तक श्रद्धालुओं को भोले बाबा के दर्शन कराने के लिए घोड़ों पर ढोने का काम कर रहे हैं। इन नाबालिगों के हाथ में घोड़ों की लगाम होने से श्रद्धालुओं की जान हर वक्त खतरे में रहती है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद शिवखोड़ी में काम करने वाले करीब पांच सौ घोड़ा मजदूरों व मालिकों में हड़कंप मच गया है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई में यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि रनसू से गुफा तक तीन किमी यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को ढोने का काम करने वाले घोड़ा मालिक अधिक पैसे वसूलते हैं। एसएचओ रनसू जेजे भगत ने बताया कि बोर्ड प्रशासन द्वारा एक यात्री का घोड़े पर आने-जाने का किराया 365 रुपये व एक तरफ का किराया 185 रुपये रखा गया है, लेकिन घोड़ा मालिक 500-600 रुपये श्रद्धालुओं से वसूलते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में रनसू पुलिस स्टेशन में घोड़ा चालकों द्वारा श्रद्धालुओं से अधिक पैसे वसूलने की करीब पांच सौ शिकायतें मिल चुकी हैं। नायब तहसीलदार रनसू अशोक कुमार व एसएचओ रनसू जेजे भगत ने बताया कि शिवखोड़ी यात्रा मार्ग पर नाबालिगों को घोड़ों की लगाम थामे देखा तो तुरंत कार्रवाई करते हुए घोड़ा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान नायब तहसीलदार व एसएचओ ने शिवखोड़ी ट्रैक पर काम कर रहे करीब 300 घोड़ा मजदूरों के पहचानपत्रों की जांच भी की। उन्होंने बताया कि जांच करने के बाद यह भी पता चला है कि जिन घोड़ों पर नाबालिग ट्रैक पर श्रद्धालुओं को ढोने का काम कर रहे हैं वह उनके नहीं हैं उन घोड़ों के मालिक रौचा और गणेश हैं। उन्होंने बताया कि इन दोनों ने छह से सात घोड़े एक ही प्रमाणपत्र पर रखे हुए थे। इसके अलावा जांच में और भी कई लोगों द्वारा नाबालिगों को घोड़े चलाने के लिए रखने के मामले सामने आए हैं।