रूपनगर के पीड़ित गुज्जर परिवारों को मिलने लगा समर्थन, पुनर्वास की मांग को लेकर सरकार पर बनाया जा रहा दबाव
शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां का दौरा कर परिवारों का कुशलक्षेम पूछा और जेडीए व सरकार के रवैये की आलोचना की। नेकां के अतिरिक्ति महासचिव डा. शेख मुस्तफा कमाल और प्रांतीय प्रधान रतन लाल गुप्ता ने धरने पर बैठ कर परिवारों का हौसला बढ़ाया
जम्मू, जागरण संवाददाता : रूपनगर के सेक्टर 6 में जेडीए के अतिक्रमण विरोधी अभियान के प्रभावित गुज्जर परिवारों के समर्थन में विभिन्न पार्टियां, संगठन आ रहे हैं। सभी जेडीए की घरों को तोड़ने की कार्रवाई को गलत करार देते हुए इन परिवारों के पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां का दौरा कर परिवारों का कुशलक्षेम पूछा और जेडीए व सरकार के रवैये की आलोचना की। नेकां के अतिरिक्ति महासचिव डा. शेख मुस्तफा कमाल और प्रांतीय प्रधान रतन लाल गुप्ता ने धरने पर बैठ कर परिवारों का हौसला बढ़ाया और सरकार को आड़े हाथों लिया। मुस्तफा कमाल ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान तो अपनी जगह ठीक है लेकिन समुदाय विशेष और इंसानियत को भूल कर इस तरह का अभियान चलाना बहुत गलत है। मानवता को दरकिनार कर की गई यह कार्रवाई निंदनीय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का गरीब विरोधी रवैये गलत है। बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चियां, मवेशी सब दबरदर हो गए हैं।
ऐसा भी नहीं कि यह कोई नए निर्माण किए गए थे। जानबूझ कर लोगेां को प्रताड़ित किया गया है। वहीं प्रांतीय प्रधान ने कहा कि बिना किसी नोटिस के इस तरह दशकों से रह रहे परिवारों को सड़कों पर ले आना नाइंसाफी है। इस मौके पर शेख बशीर अहमद, विजय लोचन, अब्दुल गनी तेली, चौधरी रहमत अली, फारूक मुगल, तेजेंद्र सिंह, संदीप सिंह, नितिश गोस्वामी, जमीर कुरैशी, महेंद्र कुमार राणा आदि मौजूद थे।
वहीं मिशन स्टेटहुड के प्रधान सुनील डिम्पल भी इन परिवारों के बीच पहुंचे और साथ बैठकर जेडीए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह परिवार टेंट लगाकर रूपनगर में बैठे हुए हैं और विभिन्न नेता व गणमान्य लोग उन्हें दिलासा दिलाने पहुंच रहे हैं। इस मौके पर सुनील ने कहा कि अगर इन गुज्जर-बक्करवाल परिवारों का पुनर्वास नहीं किया गया तो इसके खतरनाक परिणाम होंगे। इन परिवारों के साथ न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार को पीर-पंजाल से लेकर हर हिस्से से समर्थन मिल रहा है क्योंकि इन परिवारों के साथ गलत हुअा है।
अतिक्रमण विरोधी अभियान अपनी जगह ठीक हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किंही परिवारों को अचानक उजाड़ दिया जाए जो जेडीए ने किया है। सुनील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद से कीमत चुका रहे हैं। अनुच्छेद 370, राज्य का परिसिमन आदि के बाद हालात ठीक नहीं हुए। इस मौके पर गुज्जर चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन शाह मोहम्मद, हाजी मोहम्मद युसफ, नूर अली, यासीन पोसवाल, होशियार सिंह, तुफैल आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि जेडीए ने रूपनगर के सेक्टर 6 में 11 जनवरी को अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाते हुए यहां 41 कनाल जमीन खाली करवाई और दस घरों समेत 17 कच्चे-पक्के ढांचों को तोड़ा था।