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जीएसटी के दो साल हुए पूरे; देश भर में एक समान टैक्स के बावजूद जम्मू-कश्मीर में देना पड़ रहा दोहरा टैक्स Jammu News

पिछले दो सालों से व्यापारी भी अपनी मांग पर अड़े हैं और उद्यमी भी टोल टैक्स जारी करने की मांग को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 12:35 PM (IST)
जीएसटी के दो साल हुए पूरे; देश भर में एक समान टैक्स के बावजूद जम्मू-कश्मीर में देना पड़ रहा दोहरा टैक्स Jammu News

जम्मू, ललित कुमार। पहली जुलाई 2017 को केंद्र सरकार ने एक दर्जन से अधिक केंद्र व राज्य के टैक्सों को समाप्त कर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) लागू तो कर दिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के विशेष अधिकारों के तहत राज्य सरकार ने अपना अलग जीएसटी एक्ट तैयार किया। इसे राज्य विधानसभा के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद आठ जुलाई से राज्य में लागू किया। जब यह लागू हुआ तो राज्य के व्यापारियों व आम लोगों को लगा कि लखनपुर में टोल टैक्स खत्म हो जाएगा, लेकिन जीएसटी ने राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर पहुंच कर दम तोड़ दिया।

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राज्य में जीएसटी लागू तो हो गया, लेकिन लखनपुर में वस्तुओं पर टोल टैक्स जारी रहा। उस समय तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. हसीब द्राबू ने तर्क दिया था कि अगर लखनपुर टोल टैक्स समाप्त किया गया तो राजस्व घाटा होगा ही, उद्योग पर भी असर पड़ेगा। अब पिछले दो सालों से यह व्यवस्था चली आ रही है और जम्मू-कश्मीर में जीएसटी के साथ बाहर से आने या जाने वाली लगभग हर चीज पर टोल टैक्स पड़ रहा है। हालांकि आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने पिछले साल आवश्यक खाद्य वस्तुओं व दवाइयों पर टोल टैक्स हटा दिया था लेकिन शेष पर अभी जारी है। अब राज्यपाल प्रशासन इस दोराहे पर खड़ा है कि अगर टोल टैक्स हटाते हैं तो राजस्व घाटे के साथ उद्योग पर वितरीत असर पड़ेगा और अगर नहीं हटाते तो उसे व्यापारियों व आम लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। पिछले दो सालों से व्यापारी भी अपनी मांग पर अड़े हैं और उद्यमी भी टोल टैक्स जारी करने की मांग को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए है।

उद्योग को माफ है टोल टैक्स

जम्मू-कश्मीर के उद्योग को बढ़ावा देने व इसे पंजाब के उद्योग की प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए सत्तर के दशक से स्थानीय उद्योग को लखनपुर टोल टैक्स में छूट हासिल है। वर्ष 2005 में जब राज्य में वैट प्रणाली लागू हुई, तब भी इस छूट को जारी रखा गया और जीएसटी लागू होने के बाद भी यह छूट बरकरार है। इस छूट के तहत उद्योग के लिए जितना भी रॉ-मैटेरियल बाहरी राज्यों से आता है और तैयार उत्पाद बाहर जाता है, उस पर टोल टैक्स नहीं लगता। इसके अलावा अगर उद्योग के लिए कोई मशीनरी आती है, तो उस पर भी टोल टैक्स की छूट रहती है।

उद्योग व व्यापार आमने-सामने

-जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू होने के बाद भी लखनपुर में वस्तुओं पर टोल टैक्स जारी रहने को लेकर उद्योग व व्यापार जगत आमने-सामने खड़े हैं। चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू, चैंबर ऑफ ट्रेडर्स फेडरेशन व ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट जैसे बड़े संगठन लगातार टोल टैक्स हटाने की मांग कर रहे है तो वहीं इसे जारी रखने की मांग पर कश्मीर व जम्मू के उद्योगपति भी एकजुट हैं। सरकार इस दुविधा में फंस गई है कि आखिर किसी सुने? लखनपुर टोल टैक्स खत्म होने से राज्य को जो वित्तीय घाटा होगा, उसकी तो शायद भरपाई हो जाए लेकिन राज्य के ही दो प्रमुख दलों की विपरीत मांग को सरकार कैसे पूरा करें, यह सबसे बड़ा सवाल अब राज्यपाल के सामने खड़ा हो गया है।

विशेष कमेटी भी कर चुकी है अध्ययन

दोनों तरफ के दबाव को देखते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 11 फरवरी 2019 को लखनपुर में वस्तुओं पर टोल टैक्स की जांच के लिए प्रशासन की एक कमेटी का गठन किया। डायरेक्टर इंडस्ट्रीज जम्मू को कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया। इस कमेटी ने राज्य में प्रवेश करने वाली विभिन्न वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टोल टैक्स, राज्य के भीतर बनने वाले उत्पादों, स्थानीय उत्पादों को निर्यात करने, संशोधन आदि की जांच की। एक्ट में संशोधन की कितनी गुंजाइश है, इसका अध्ययन करने के बाद कमेटी ने मार्च के महीने में अपनी रिपोर्ट भी राज्यपाल प्रशासन को सौंप दी लेकिन उसके बाद इस पर न कोई चर्चा हुई और न रिपोर्ट पर कोई फैसला लिया गया।

राज्य के विशेष दर्जे का सूचक है लखनपुर

आजादी के बाद से ही लखनपुर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे का सूचक रहा है। एक समय वो भी था, जब लखनपुर से आगे आने के लिए परमिट की आवश्यकता पड़ती थी लेकिन प्रजा परिषद के एक विधान, एक प्रधान व एक निशान के संघर्ष ने इस परमिट सिस्टम को तो खत्म करवा दिया लेकिन इसके बावजूद लखनपुर आज भी जम्मू-कश्मीर को देश से अलग रखने का संकेत है। जब जीएसटी लागू हुआ तो राज्य के विशेष दर्जे के तहत वित्तीय अधिकार जम्मू-कश्मीर सरकार के अधीन रहे और इसी के तहत लखनपुर टोल टैक्स को जारी रखा गया ताकि दूसरे राज्यों के लोग यहां आकर कारोबार न कर सके।

व्यापारी आज करेंगे प्रदर्शन

राज्य में जीएसटी लागू होने के दो साल पूरे होने पर व्यापारियों ने लखनपुर टोल टैक्स जारी रखने का विरोध करने का फैसला लिया है। सोमवार को ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट के बैनर तले व्यापारी वेयर हाउस के बाहर लखनपुर टोल टैक्स समाप्त करने की मांग के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे। फेडरेशन के महासचिव दीपक गुप्ता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लागू करते समय एक राष्ट्र-एक टैक्स का नारा दिया था लेकिन राज्य की जनता पिछले दो सालों से दोहरे टैक्स की मार झेल रही है। इससे राज्य का स्थानीय व्यापार भी पड़ोसी राज्यों की तरफ मुड़ रहा है। चंद उद्योगपतियों को बचाने के लिए सरकार ने पूरे राज्य के व्यापारियों व लोगों पर दोहरे टैक्स की मार डाली है जिसे सहन नहीं किया जाएगा।


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