Move to Jagran APP

Jammu : डीएपी खाद नहीं मिलने से किसानों में बढ़ रहा आक्रोश

जम्मू कश्मीर किसान-ए-तहरीक के प्रधान किशोर कुमार का कहना है कि प्रशासन की नाकामी है कि किसान बिना खाद के हैं। समय बहुत ही नाजुक समय है। गेहूं की बिजाई पूरे जम्मू संभाग में होनी है। लेकिन प्रशासन खाद उपलब्ध कराने में नाकाम रहा है।

By VikasEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 09:26 PM (IST)
बिजाई के लिए जमीन तो तैयार है,बीज किसान के पास मौजूद है।

जम्मू , जागरण संवाददाता : गेहूं के बिजाई के सीजन में भी डीएपी खाद की उपलब्धता नही मिलने से किसानों में आक्रोश बढ़ने लगा है। बिजाई के लिए जमीन तो तैयार है,बीज किसान के पास मौजूद है। मगर खाद किसानों को कहीं से भी नही मिल रही। एक से दूसरे केंद्रों में भागदौड़ करने के बाद किसान अब थक हार कर बैठ गया है। बीज नही मिलने से कंडी क्षेत्रों में बजाई का काम भी प्रभावित होने लगा है। अधिक समय गुजर जाने के बाद अब लेट वैरायटी के बीज से ही बिजाई की जा सकेगी। लेकिन उसके लिए भी डीएपी खाद की उपलब्धता होना जरूरी है।

loksabha election banner

पंजाब में किसान आंदोलन के चलते अक्टूबर माह से खाद का कोई रैक जम्मू नही लग पाया है, इससे ही सारी परिस्थितियां बनी हैं। हालांकि कृषि विभाग किसानों को आश्वासन दे रहा है कि जल्दी ही कुछ न कुछ हल निकल आएगा। लेकिन अभी तक कुछ परिणाम सामने नही आ पाए हैं। ऐसे में किसान आक्रोश में है। फिंदड़ गांव के किसान अश्वनी कुमार का कहना है कि खाद, बीज दिलाना तो प्रशासन का काम है। सड़क मार्ग से माल मंगाकर किसानों की सहायता की जा सकती है। बिजाई का सीजन है मगर खाद नही मिलने से किसान तंगी में है।

वहीं जम्मू कश्मीर किसान-ए-तहरीक के प्रधान किशोर कुमार का कहना है कि प्रशासन की नाकामी है कि किसान बिना खाद के हैं। समय बहुत ही नाजुक समय है। गेहूं की बिजाई पूरे जम्मू संभाग में होनी है। लेकिन प्रशासन खाद उपलब्ध कराने में नाकाम रहा है। वहीं मढ़ के किसान राधे श्याम का कहना है कि कुछ किसान तो बिना खाद के भी बिजाई करने के लिए मजबूर होने लगे हैं। सीजन गुजर रहा है, खाद है नही। ऐसे में किसान अब और ज्यादा इंतजार नही कर सकते। जम्मू संभाग में 2.73 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बिजाई होती है। इसके लिए तुरंत 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है। कृषि विभाग के लॉ इंफोर्समेंट विंग के उप निदेशक रोशन लाल का कहना है कि हम प्रयास में जुटे हैं। किसानों के लिए कोई राह निकालने में जुटे हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.