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मैं भी जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार चाहता हूं पर चुनाव कब और कैसे होंगे ये चुनाव आयोग तय करेगा: राज्यपाल

राज्य की नौकरशाही में कुछ अधिकारियों द्वारा राज्य में निर्वाचित सरकार की बहाली में रुकावट पैदा करने संबंधी सवाल पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 05:38 PM (IST)
मैं भी जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार चाहता हूं पर चुनाव कब और कैसे होंगे ये चुनाव आयोग तय करेगा: राज्यपाल
मैं भी जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार चाहता हूं पर चुनाव कब और कैसे होंगे ये चुनाव आयोग तय करेगा: राज्यपाल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि हम तो चाहते हैं कि यहां जल्द से जल्द निर्वाचित सरकार बहाल हो। लेेकिन चुनाव कब होंगे, कैसे होंगे यह तो चुनाव आयोग को तय करना है।

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आज यहां जहांगीर चौक-रामबाग फ्लाईओवर के दूसरे चरण को जनता को समर्पित करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि यहां राष्ट्रपति शासन जल्द समाप्त हो। हम चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव कराने का अंतिम फैसला चुनाव आयोग को करना है।

राज्य की नौकरशाही में कुछ अधिकारियों द्वारा राज्य में निर्वाचित सरकार की बहाली में रुकावट पैदा करने संबंधी सवाल पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। हाइवे पर नागरिक वाहनों की आवाजाही पर सप्ताह में दो दिन की पाबंदी संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे हुई असुविधा के लिए मैं लोगों से क्षमा चाहता हूं। हमने यह पाबंदी किसी को तकलीफ देने के लिए नहीं लगायी थी, यह फैसला राष्ट्रीय हित में लिया गया था। लेकिन अब यह पाबंदी पूरी तरह हटा ली गई है।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि 19जून 2018 में भाजपा द्वारा पीडीपी-गठबंधन सरकार से अलग होने के बाद तत्कालीन राज्यपाल नरेंद्र नाथ वोहरा ने विधानसभा को निलंबित करते हुए राज्यपाल शासन लागू कर दिया था। वोहरा के उत्तराधिकारी सत्यपाल मलिक ने राज्य में शासन की बागडोर संभालने के बाद गत 21 नवंबर को राज्य विधानसभा को पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के सरकार बनाने के परस्पर विरोधी दावों के बीच भंग कर दिया था।

नियमानुसार राज्य विधानसभा को भंग किए जाने के छह माह के भीतर राज्य में नए विधानसभा चुनाव कराए जाना जरुरी है,लकिन विशेष परिस्थितियों में यह चुनाव कुछ और समय क लिए टाले जा सकते हैं। राज्य में 20 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है। सभी स्थानीय राजनीतिक दल और कांग्रेस राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने के पक्षधर हैं।

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