राज्यपाल से मुलाकात का समय न ले पाने के कारण अनऔपचारिक तौर पर मिले कॉरपोरेटर
राज्यपाल व्यस्तता के चलते मेयर व कुछ कॉरपोरेटरों को ही सुना। मेयर को बाद में हरि निवास होटल में कारपोरेटरों के चाय पान का इंतजाम करना पड़ा ।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जीतने के बाद पहली बार जम्मू के कॉरपोरेटरों ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भेंट की। मेयर की अध्यक्षता में पहुंचे कॉरपोरेटरों को पहले राजभवन गेट पर यह कहते हुए रोक दिया कि उनसे मिलने के लिए कोई समय नही लिया गया कि उनकी कोई सूचना यहां नहीं दी गई है। बाद में मेयर के हस्तेक्षप के बाद कॉरपोरेटरों को राजभवन के अंदर बुलाया गया। राज्यपाल व्यस्तता के चलते मेयर व कुछ कॉरपोरेटरों को ही सुना। मेयर को बाद में हरि निवास होटल में कारपोरेटरों के चाय पान का इंतजाम करना पड़ा ।
हुआ यूं कि राजभवन में राज्यपाल से भेंट के लिए शाम चार बजे का वक्त निर्धारित होने की सूचना देते हुए मेयर की ओर से कॉरपोरेटरों को आमंत्रित किया गया। कॉरपोरेटर खुश थे कि नवंबर माह में जीतने के बाद उन्हें पहली बार राज्यपाल से मिलने का मौका मिल रहा है। इन चार महीनों में फंड्स के अभाव के चलते वार्डों में कामकाज नहीं करवा पाने, मानदेय नहीं मिलने, सरकारी दफ्तरों में उन्हें प्राथमिकता नहीं देने समेत अन्य मसलों को लेकर कॉरपोरेटर अपने मन की बात राज्यपाल को सुनाना चाहते थे। उन्हें बताया गया था कि राज्यपाल के साथ चाय पर बुलाया गया है। यहां हम शहर के विकास और नगर निगम की बेहतरी के लिए बात करेंगे।
शहर के लिए कुछ बड़े प्रोजेक्ट समेत अन्य मसले उठाकर फंड्स जारी करने पर जोर दिया जाएगा। परंतु यह सब कॉरपोरेटरों के मन मेें ही रह गया। जब कॉरपोरेटर राजभवन के गेट पर पहुंचे तो उन्हें यह कहकर रोक दिया गया कि उनके आने की कोई सूचना नहीं है। कुछ मिनटों के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई। बाद में जब कॉरपोरेटरअग्रलेख दो अंदर पहुंचे तो राज्यपाल मिले। खड़े-खड़े ही मेयर व कुछ कॉरपोरेटरों से बात करते हुए राज्यपाल ने उनसे भेंट की। किसी ने उन्हें बैठने तक के लिए नहीं कहा। हालांकि मेयर ने जम्मू नगर निगम का हाल राज्यपाल को सुनाया। फंड्स कम होने, मानदेय बढ़ाने, 74वें संशोधन को लागू कर सभी विभागों को नगर निगम के अधीन लाने की मांग उठाई। कुछ कॉरपोरेटरों ने भी उनका समर्थन किया। इस मौके पर डोगरा धरोहर मुबारक मंडी के विकास के लिए फंड्स जारी करने के लिए राज्यपाल का आभार जताया। इन्हीं बातों के साथ उनकी बैठक समाप्त करवा दी गई। राजभवन में इस तरह के व्यवहार और इंतजामों से कॉरपोरेटरों में काफी रोष व्याप्त हो गया। कोई मेयर को दोषी ठहराने लगा तो कोई राजभवन में अव्यवस्था पर उंगलियां उठाने लगा। मेयर ने कॉरपोरेटरों के इस गुस्से को भांपते हुए फौरन उन्हें साथ लगते हरि पैलेस में चाय के लिए आमंत्रित किया। सभी कॉरपोरेटर फिर मेयर के साथ यहां चाय पर पहुंचे। इस दौरान महिला कॉरपोरेटरों की चेकिंग पर डिप्टी मेयर पूर्णिमा शर्मा गुस्से में दिखीं।
वहीं विपक्ष की नेता निर्दलीय उम्मीदवार विजय चौधरी ने मौके पर ही मेयर को खरी-खोटी भी सुना दी। कांग्रेस पार्टी के व्हिप द्वारका नाथ चौधरी ने कहा कि हम एक ज्ञापन बनाकर ले गए थे। इसे राज्यपाल को सौंपना था। बहुत सी बातें कॉरपोरेटर राज्यपाल से करना चाहते थे लेकिन संभव नहीं हो सका। उन्होंने समय ही नहीं दिया। दोबारा राज्यपाल से भेंट की जाएगी। कुछ कॉरपोरेटर अपने साथ ज्ञापन भी लेकर आए थे लेकिन मौका ही नहीं मिल सका।
मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने कहा कि कॉरपोरेटरों के मन की बात राज्यपाल के समक्ष रखी गई। समय कम जरूर मिला लेकिन यह पहली बार थी। दोबारा उनसे बैठक करेंगे।