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खेल कोटे में सरकारी नौकरी घोटाला, PDD में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले तीन JE बर्खास्त

चूंकि नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला जीएडी से जुड़ा है। इसलिए नौकरी घोटाले की जांच के लिए जीएडी ने एक कमेटी भी बनाई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 12:06 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 02:16 PM (IST)
खेल कोटे में सरकारी नौकरी घोटाला, PDD में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले तीन JE बर्खास्त

जम्मू, विकास अबरोल। राज्य में खेल कोटे से सरकारी नौकरी घोटाला सामने आया है। स्टे होने के बावजूद बिजली विभाग में तीन युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरियां दे दी गईं। जब मामला खुला तो इस घोटाले की परत-दर-परत खुलने लगी हैं। इसमें छोटे से लेकर बड़े स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत होने की आशंका भी जताई जा रही है। खेल कोटे से नौकरी देने पर वर्ष 2014 से ही रोक लगी हुई है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सूत्र बताते हैं कि इसके बावजूद करीब दो दर्जन लोगों को फर्जी तरीके से विभिन्न विभागों में नौकरियां दी गई, जिसमें से अधिकतर कश्मीर संभाग से ताल्लुक रखते हैं। फिलहाल, जीएडी ने फर्जी तरीके से बिजली विभाग में नियुक्त तीनों जूनियर इंजीनियर को नौकरी से निकालने के आदेश दे दिए हैं।

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जम्मू जिले के गांव लोहरी चक्क का अक्षय चौधरी पुत्र रक्षपाल सिंह चौधरी, सागर कुमार पुत्र राजकुमार आैर पल्लव गुप्ता पुत्र रमेश चंदर को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) के फर्जी नियुक्ति पत्र से बिजली विभाग (PDD) की ट्रांसमिशन विंग में जूनियर इंजीनियर (JE) की नौकरी दे दी गई थी। सरकारी नौकरी घोटाले का खुलासा बिजली विभाग के सिस्टम एंड ऑपरेशन विंग में 15 अप्रैल 2019 को नियुक्त हुए अक्षय चौधरी से हुआ। इस संबंध में जब जीएडी की वेबसाइट को खंगाला गया तो पाया गया कि एसआरओ-349 के तहत जीएडी की ओर से सरकारी विभाग में नियुक्ति के लिए कोई भी सिफारिश नहीं की गई है। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद अक्षय को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। उसके खिलाफ जांच शुरू हो गई है।

जांच में पता चला कि अक्षय की तरह विंग में चार आैर युवक इसी कोटे के तहत नौकरी कर रहे हैं। उनकी सूची भी जीएडी विभाग में वेरीफिकेशन के लिए भेजी गइ। सागर कुमार इसी कोटे के तहत साल 2017 में जबकि पल्लव गुप्ता साल 2018 में ट्रांसमिशन विंग में बतौर जूनियर इंजीनियर नियुक्त हुए। जीएडी ने इन दोनों इंजीनियरों को भी तुरंत बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं। 

कहीं जेडीए कर्मियों की मिलीभगत तो नहीं

चूंकि, नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला जीएडी से जुड़ा है। इसलिए नौकरी घोटाले की जांच के लिए जीएडी ने एक कमेटी भी बनाई है। यह पता लगाएगी कि कहीं इस मामले में जीएडी के किसी कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं है। ऐसी भी आशंका है कि जीएडी के फर्जी नियुक्ति पत्र से कहीं पहले भी और भी नियुक्तियां तो नहीं हुई हैं। यही नहीं इस फर्जीवाड़े की जांच सीबीआइ को सौंपने की भी तैयारी की जा रही है। जम्मू की तरह कश्मीर में भी स्पोर्टस कोटे के तहत 25 से अधिक नियुक्तियां विभिन्न विभागों में की गइ हैं।

सलाहकार से शिकायत के बाद जांच में तेजी

खेल कोटे से नौकरी पर स्टे होने के बावजूद नौकरी देने का मामला सामने आने के बाद खिलाड़ियों के होश उड़ गए। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार फारूक खान से गत दिनों कुछ खिलाड़ी मिले थे। उन्होंने सलाहकार को बताया कि जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोर्टस काउंसिल के खेल कोटे के आधार पर एसआरओ 349 के तहत फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। इस पर सलाहकार ने भी खिलाड़ियों को जांच का आश्वासन दिया था। इसके बाद जांच में तेजी आई है। बताया जाता है कि नौकरी घोटाले में कई नाम सामने आ सकते हैं।

क्या है एसआरओ-349

स्टेटरी रूल्स एंड आर्डर (एसआरओ)-349 के तहत जम्मू कश्मीर स्टेट स्पोट्र्स काउंसिल की ओर से हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले 25 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है। इसके लिए काउंसिल अधिसूचना भी जारी करती है। इसकी सिफारिश के बाद ही खिलाड़ियों के दस्तावेजों को आगे बढ़ाया जाता है। चूंकि, एसआरओ-349 के तहत नियुक्ति पर स्टे है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

स्पोर्टस काउंसिल ने भी नहीं जारी की अधिसूचना

स्पोर्टस काउंसिल के सचिव डॉ. नसीम जावेद चौधरी ने बताया कि खेल कोटे से नियुक्ति पर वर्ष 2014 से स्टे लगा हुआ है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस वजह से वर्ष 2014 के बाद आज तक एसआरओ-349 के तहत किसी भी खिलाड़ी की सरकारी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई है। फर्जी नियुक्ति मामले के संबंध में कुछ खिलाड़ियों ने पिछले महीने उनसे भेंट की थी। तब खिलाड़ियों को साफतौर पर बता दिया गया था कि स्टेट स्पोट्र्स काउंसिल की ओर से एसआरओ-349 के तहत नियुक्ति करने की कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। उन्होंने इस संबंध में जीएडी के सचिव फारूक लोन को भी बता दिया है। अब जीएडी विभाग ने कमेटी बनाकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

आरटीआइ में मिली नियुक्ति की जानकारी

कैंप गोल गुजराल के स्वर्ण सिंह ने इंजीनियर ओएंडएम सर्किल-1, जेके-पॉवर में आरटीआइ दायर कर अक्षय चौधरी की नियुक्ति के संबंध में जवाब मांगा था। विभाग के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर ने आरटीआइ के जवाब में बताया कि अक्षय चौधरी की एसआरओ-349 के तहत पीडीडी में गत 27 मार्च 2019 को जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति जीएडी के सरकारी आदेश नंबर-622 के आधार पर हुई है। 

  • फर्जी दस्तावेज पर बिजली विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए अक्षय चौधरी को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई जीएडी के दिशा निर्देश पर की गई है। दो अन्य जूनियर इंजीनियर पल्लव गुप्ता आैर सागर कुमार के दस्तावेजों व नियुक्ति पत्र को भी जीएडी ने फर्जी बताया है। उन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया है। - गुरमीत सिंह, चीफ इंजीनियर जम्मू, जम्मू-कश्मीर पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड  

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