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कांग्रेस नेता जीएम सरूरी एनआइए के समक्ष हुए पेश, किश्तवाड़ आतंकी हमलों के बारे में हुई पूछताछ

सरूरी ने कहा कि क्या आपको लगता है कि मेरा हिजबुल मुजाहिदीन या ओसामा के साथ कोई संबंध हो सकता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 02:31 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 02:46 PM (IST)
कांग्रेस नेता जीएम सरूरी एनआइए के समक्ष हुए पेश, किश्तवाड़ आतंकी हमलों के बारे में हुई पूछताछ

जम्मू, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जीएम सरूरी मंगलवार को जम्मू स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के समक्ष पेश हुए। सरूरी को किश्तवाड़ जिले में कई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। एनआइए ने धारा 160 सीआरपीसी के तहत सरूरी को नोटिस जारी करते हुए आज उन्हें कार्यालय में पेश होने के निर्देश दिए थे। आज सुबह जब सरूरी रेलवे रोड पर स्थित एनआइए कार्यालय पहुंचे तो उन्हें मीडिया कर्मियों ने घेर लिया। जम्मू और कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष और इंदरवाल निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे 67 वर्षीय जीएम सरूरी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि एनआइए ने उन्हें यहां क्यों बुलाया है। परंतु उन्हें यह जानकारी अवश्य मिली की एनआइए ने उन्हें धारा 160 के तहत पूछताछ के लिए बुलाया है।

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कार्यालय में दाखिल होने से पहले मुख्य गेट के बाहर खड़े पत्रकारों ने जब उनसे यह पूछा कि एनआइए जिस तरह कह रही है कि उनका संबंध किश्तवाड़ में हुए आतंकी हमलों से हो सकता है, तो इस पर सरूरी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों से बात करने पर भी पता चल पाएगा कि वह किस आधार पर उन पर यह इलजाम लगा रहे हैं। सरूरी ने कहा कि क्या आपको लगता है कि मेरा हिजबुल मुजाहिदीन या ओसामा के साथ कोई संबंध हो सकता है।

सनद रहे कि ओसामा व उसके कुछ साथियों ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की 1 नवंबर 2018 को गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद 9 अप्रैल 2019 को आरएसएस के कार्यवाहक चंद्रकांत शर्मा और उनके पीएसओ की हत्या हुई। यही नहीं 8 मार्च 2019 को डिप्टी कमिश्नर के पीएसओ की सर्विस राइफल जबकि 13 सितंबर 2019 को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के जिला अध्यक्ष के पीएसओ की राइफल भी आतंकवादियों ने छीन ली। एनआइए इन मामलों की जांच कर रही है।

सुरक्षाबलों के हाथ पहली बड़ी सफलता 28 सितंबर को लगी जब उन्होंने इन सभी हमलों के मास्टर माइंड ओसामा बिन जावेद सहित हिज्ब के तीन कुख्यात आतंकवादियों को मार गिराया। जांच के दौरान एनआइए को पता चला कि सरूरी के भाई मोहम्मद शफी का हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ कथित तौर पर संबंध हैं। इस संबंध में मोहम्मद शफी सहित करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ पुलिस में एफआइआर भी दर्ज हुई परंतु सरूरी को गिरफ्तार नहीं किया गया। हालांकि शफी ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनके खिलाफ राजनीति की जा रही है। उन्होंने एनआइए अधिकारियों से कहा कि वह निष्पक्ष जांच के लिए हमेशा तैयार हैं। जल्द ही सच्चाई लोगों के समक्ष आएगी।

बताया जा रहा है कि जीएम सरूरी को भी इसी मामले में पूछताछ के लिए जम्मू बुलाया गया है। उन्होंने धारा 160 के तहत एक सप्ताह पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था। एनआइए द्वारा दी गई समयावधि के अनुसार सरूरी आज एनआइए अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। 


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