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Jammu Kashmir Union Territory: गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में मिला सरकारी बंगला खाली किया

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों ही सरकारी बंगलों में रहते हैं। यही नहीं इन दोनों ने अपने बंगलों के पुर्ननिर्माण में लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 02:38 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 02:57 PM (IST)
Jammu Kashmir Union Territory: गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में मिला सरकारी बंगला खाली किया
Jammu Kashmir Union Territory: गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में मिला सरकारी बंगला खाली किया

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने का असर होने लगा है। राजनेताओं को अब कश्मीर में आवंटित किए गए सरकारी बंगले खाली करना होगा। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने स्वयं ही श्रीनगर के वीवीआईपी जोन में मिले किराया-मुक्त सरकारी आवास को खाली कर दिया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे आजाद को गुपकार रोड पर जम्मू-कश्मीर बैंक का गेस्ट हाउस दिया गया था, जो उन्होंने आज लौटा दिया। इसका मतलब पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को भी एक नवंबर तक गुपकार रोड पर मिले सरकारी आवास खाली करने होंगे।

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और इसके केंद्र शासित प्रदेश बनते ही अब यहां के लोग व राजनेता सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के दायरे में आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही यह आदेश दे रखे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री या फिर राजनेता जो किसी संवैधानिक पद पर रहते हैं, उनका सरकारी बंगलों पर जीवन भर के लिए कोई अधिकार नहीं है। इसका मतलब है कि भारत सरकार उन्हें सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दे सकती है। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों ही सरकारी बंगलों में रहते हैं। यही नहीं इन दोनों ने अपने बंगलों के पुर्ननिर्माण में लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए। इन भव्य बंगलों के अलावा, पूर्व मुख्यमंत्रियों को अन्य कई तरह की सरकारी सुविधाएं भी दी जाती हैं।

राज्य विधानमंडल के सदस्यों के पेंशन अधिनियम में शामिल धारा 3सी(ई) और (एफ) के अनुसार जो सदस्य इस अधिनियम के तहत पेंशन का हकदार है और जिसने मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की है, वह कार, पेट्रोल, चिकित्सा सुविधाओं, ड्राइवर, सरकारी आवास के लिए हकदार होगा। यही नहीं उन्हें आवासीय खर्च के लिए प्रति वर्ष 35000 रुपये, 48000 रुपये प्रति वर्ष मुफ्त टेलीफोन कॉल करने के अलावा प्रति माह 1500 रुपये की मुफ्त बिजली फूंकने की भी छूट दी गई है।

सनद रहे कि मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें सभी पूर्व मुख्यमंत्री को जीवनभर सरकारी बंगलों में रहने की अनुमति दी गई थी। परंतु जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के कारण यहां के पूर्व मुख्यमंत्री इस आदेश से बचकर सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए हुए थे। अब जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनते ही सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश यहां भी लागू हो जाएगा और सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों व राजनेताओं को सरकारी आवास खाली करने होंगे।


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