Azad in Jammu: प्रशासन का जितना आतंक जम्मू कश्मीर में है, उतना दुनिया में कहीं नहीं
जब जम्मू कश्मीर में कानून बदला तो उसके साथ साथ लोकतंत्र भी बदल गया। बात करने से आदमी डरता है। वह देखता है कि कहीं कैमरा फिक्स तो नहीं है कहीं मुखबरी तो नहीं हो रही।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जितनी मासूयी और निराशा कश्मीर घाटी में है उतनी ही निराशा जम्मू और जम्मू संभाग में है। प्रशासन का जितना आतंक जम्मू कश्मीर में है, उतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा। जम्मू कश्मीर का छह दिवसीय दौरा समेट कर दिल्ली जाते समय गांधी नगर में अपने सरकारी आवास के बाहर सड़क पर गाड़ी से बाहर निकल कर पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में आजाद ने कहा कि आज मेरा छठा दिन है।
मैंने चार दिन कश्मीर और दो दिन जम्मू में बिताए है। इसके बारे में मैं पूरी जानकारी एक दो दिन में दे दूंगा। जो मैंने देखा, सुना, इसके लिए संभव नहीं है कि चलती हुई गाड़ी से बता दूं, एयरपोर्ट का समय हो रहा है। मैं संक्षेप में दो लाइन बता रहा हूं। उन्होंने कहा कि जितनी मायूसी और निराशा मैंने कश्मीर घाटी में देखी है, उतनी ही निराशा जम्मू संभाग और जम्मू में भी है। सत्ताधारी पार्टी के एक दो साै लोगों को छोड़ कर काई खुश नहीं है। जम्मू का बिजनेस, कारोबार कश्मीर पर निर्भर था। छोटा दुकानदार, किरायने वाला हो या ट्रांसपोर्टर गाड़ी या बस वाला। निराशा इतनी है कि कुछ लोगों ने तो कहा कि वह खुदकुशी कर लेंगे। प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा। लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है।
जब जम्मू कश्मीर में कानून बदला तो उसके साथ साथ लोकतंत्र भी बदल गया। बात करने से आदमी डरता है। वह देखता है कि कहीं कैमरा फिक्स तो नहीं है, कहीं मुखबरी तो नहीं हो रही। बोलने की आजादी नहीं है, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, आंदोलन की आजादी नहीं है। सामान्य रूप से अगर आदमी बिजली, पानी की बात करता है तो उसे कहते है कि हिंदुस्तान की कौन सी जेल में जाओंगे।
इससे पहले आजाद ने बुधवार को भी विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना। आजाद ने जम्मू आने से पहले कश्मीर में श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग का दौरा कर लोगों के मसलों को सुना था। आजाद गत मंगलवार को जम्मू पहुंचे थे। सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद आजाद का जम्मू कश्मीर का दौरा संभव हो पाया है।