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Jammu Kashmir : गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी - डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का किया ऐलान

आजाद का मतलब उनके नाम से नहीं है। बल्कि इसका मतलब स्वतंत्र से है। उनकी पार्टी स्वतंत्र लोकतांत्रिक पार्टी होगी जो आम लोगों से जुड़ी होगी। आजाद ने आगे कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हां राजनीतिक दलों की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं।

By satnam singhEdited By: Rahul SharmaPublished: Mon, 26 Sep 2022 07:57 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 01:38 PM (IST)
Jammu Kashmir : गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी - डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का किया ऐलान
आजाद की आज पहले नवरात्र पर पार्टी के नाम की घोषणा करने की तैयारी है।

जम्मू, जेएनएन : गुलाम नबी आजाद जिन्होंने पिछले महीने ही कांग्रेस से अपने पांच दशक से अधिक लंबे संबंध को समाप्त कर दिया था, ने "भारत माता की जय" के नारों के बीच आज अपनी नई पार्टी "डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी" के नाम की घोषणा की है। आज जम्म्मू में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान आजाद ने पार्टी का नाम व ध्वज सार्वजनिक करते हुए बताया कि जम्मू व कश्मीर से करीब 1500 सुझाव भेजे गए थे, जो उर्दू के साथ-साथ संस्कृत में थे। हिंदी और उर्दू का मिश्रण ही हिंदुस्तानी है। हम सब यही चाहते थे कि पार्टी का नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो। इसीलिए उन्होंने इसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा।

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उन्होंने कहा कि आजाद का मतलब उनके नाम से नहीं है। बल्कि इसका मतलब स्वतंत्र से है। उनकी पार्टी स्वतंत्र लोकतांत्रिक पार्टी होगी जो आम लोगों से जुड़ी होगी। आजाद ने आगे कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हां राजनीतिक दलों की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं। हम उसकी का विरोध करते हैं।

इसी दौरान 'डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी' के ध्वज का अनावरण करते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने इसमें तीन रंग शामिल किए हैं। पीला रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है। सफेद शांति और नीला स्वतंत्रता यानी खुली कल्पना को इंगित करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के मुद्दे व कार्यप्रणाली बाद में घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके दिल में किसी भी राजनीतिक दल के लिए क्रोध या फिर गुस्सा नहीं है। उनकी किसी दल के साथ प्रतिस्पर्धा भी नहीं है। उनके लिए हरेक धर्म एक समान है। सभी उनके दिल में बसते हैं।

गुलाम नबी आजाद गत रविवार को जम्मू चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। जम्मू पहुंचने के बाद से ही वह लगातार नेताओं व कार्यकर्ताओं से बैठक कर रहे थे। आज प्रथम नवरात्र पर आजाद ने अपनी नई पार्टी की घोषणा के साथ राजनीति में नई पारी की शुरूआत कर दी। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, डा. मनोहर लाल शर्मा, जीएम सरूरी, अब्दुल मजीद वानी, बलवान सिंह, गौरव चोपड़ा, जुगल किशोर आदि शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के नाम पर चर्चा की गई। जम्मू का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का रुख करेंगे। वह दो दिन तक कश्मीर में पार्टी नेताओं से बैठकें करेंगे।

सितंबर माह में गुलाम नबी आजाद का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले कांग्रेस छाेड़ने के बाद चार सितंबर को जम्मू कश्मीर आए थे। रैलियां की और चार सौ से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी। पार्टी का एजेंडा स्पष्ट किया लेकिन पार्टी के नाम का फैसला नहीं हो पाया था। आजाद अनुच्छेद 370 पर अपनी राय को स्पष्ट कर चुके है कि यह अनुच्छेद फिर से वापिस नहीं आ सकता क्योंकि इसके लिए संसद में दो तिहाई बहुमत चाहिए। वह कह चुके है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां व भूमि के अधिकार सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करेंगे।

वह महिलाओं के सम्मान, कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास करने, हर क्षेत्र के बराबर विकास करने पर काम करेंगे। आजाद के समर्थन में कांग्रेस के अधिकतर नेता पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।


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