कृषि प्रसंस्करण, कृषि निर्यात एवं व्यवसाय के लिए 500 करोड़ का लोन देगी गहलोत सरकार
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कृषि प्रसंस्करण कृषि उपज निर्यात और कृषि व्यवसाय को बढ़ाना देगी। इसके लिए इकाईयां स्थापित की जाएगी।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कृषि प्रसंस्करण, कृषि उपज निर्यात और कृषि व्यवसाय को बढ़ाना देगी। इसके लिए इकाईयां स्थापित की जाएगी। इनमें कृषि प्रसंस्करण, वेयर हाउस एवं कोल्ड स्टोरेज की स्थापना शामिल है। इन इकाईयों की स्थापना के लिए अपेक्स बैंक और केन्द्रीय सहकारी बैंकों से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत इकाई स्थापित करने वाले किसानों और उद्यमियों को 500 करोड़ रुपए के लोन उपलब्ध कराएं जाएंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने एक विस्तृत योजना तैयार की है।
कुल लागत का 75 फीसदी लोन देने का प्रावधान
राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि किसान की आय बढ़ाने के लिहाज से प्रदेश में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति बनाई गई। इस नीति के अनुसार राज्य में स्थापित होने वाले नए एवं वर्तमान में स्थापित कृषि प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय में आधुनिकीकरण करने वालों को 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक इकाई पर यह लोन अधिकतम एक करोड़ का होगा। सहकारी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों एवं व्यापारियों को आवेदन के एक तय समय सीमा में लोन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सहकारी बैंकों द्वारा इकाईयों की स्थापना के लिए कुल लागत 75 प्रतिशत तक लोन दिया जाएगा।
इकाई स्थापित करने वालों को राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड की एकल खिड़की के माध्यम से सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस नीति के तहत बैंक लोन पर आदिवासी क्षेत्रों, पिछड़े जिलों में स्थित इकाईयों, अनुसूचित जाति व जनजाति, महिला एवं 35 वर्ष से कम आयु के उद्यमियों को भी एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से कृषि उद्योगों का विकास होने के साथ ही किसानों को आपूर्ति एवं मूल्य संवर्धन श्रंखला का भी विकास होगा । इससे राज्य में कृषि निर्यातकों को बढ़ावा एवं बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी । उन्होंने बताया कि सरकार की नीति से राज्य की विशिष्ट फसलों जैसे जीरा, धनिया, मेंथी, सौंफ, अजवायन, ग्वार, इसबगोल, दलहन, तिलहन, मेंहदी, ताजा सब्जिया, किन्नूर, अनार, आदि के मूल्य संवर्धन आऔ निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा । इन उत्पादों की पहुंच राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर होगी ।