कश्मीर में बंद के बावजूद गिलानी के घर चल रहा था इंटरनेट
क्या आईएसपीआर चला रहा था गिलानी का टवीटर हैंडलर?
राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को लैंडलाइन और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए बीएसएनएल के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। राज्य प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने के ठीक पहले पूरे कश्मीर में लैंडलाइन सेवा और मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया था। इसके चार दिन बाद भी गिलानी के घर लैंडलाइन और इंटरनेट सेवा चालू थी।
गिलानी अपने ट्विटर अकाउंट से लगातार ट्वीट कर रहे थे। इस दौरान घाटी में किसी को भी इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। जब गिलानी ने अपने अकाउंट से ट्वीट किया तो हड़कंप मच गया कि गिलानी के पास इंटरनेट की सुविधा कहां से आ गई। इसके बाद केंद्र सरकार और जेके पुलिस ने ट्विटर प्रबंधन को गिलानी सहित कई अकाउंट बंद करने की सिफारिश की थी। कहा था कि गिलानी के संदेशों से घाटी में नफरत का माहौल बन रहा है। इसके बावजूद आठ अगस्त की सुबह तक गिलानी के पास इंटरनेट की सुविधा थी। अब राज्य प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बीएसएनएल के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। क्या पाक सेना चला रही थी गिलानी का ट्विटर हैंडल :
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का ट्विटर हैंडल पूरे कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के बावजूद चल रहा था। इससे भारत विरोधी ट्वीट ही हो रहे थे। पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जरनल मेजर जनरल आसिफ गफूर और पाकिस्तान की प्रशंसा में भी ट्वीट थे। यह आशंका जताई जा रही है कि गिलानी का ट्विटर हैंडल क्या सीमा पार से चलाया जा रहा था। आइएसपीआर पाकिस्तान आर्म्ड फोर्स का मीडिया विग है। यह फर्जी कश्मीरी समर्थक ट्विटर हैंडल चलाता है। गिलानी इससे पहले भी अपना ट्विटर खुद नहीं चलाते थे। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस ही इसे चलाती थी। इसे जून महीने में सस्पेंड कर दिया था। ऐसे में अब आशंका जताई जा रही है कि गिलानी का ट्विटर हैंडल इस बार सीमा पार से चल रहा था।