Kashmir: गिलानी के परिजनों की अपील- झूठी बयानबाजी न करें, हमें चैन से रहने दें
गिलानी के पुत्रों और दामाद द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सईद अली शाह गिलानी एक राजनीतिक नेता हैं। प्रत्येक व्यक्तिको उनके निजी व राजनीतिकद मुद्दों के प्रति चिंता का हक है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। बिस्तर पर पड़े वयोवृद्ध कट्टरपंथी नेता सईद अली शाह गिलानी के नाम पर सोशल मीडिया पर वॉयरल हाेने वाले फर्जी पत्रों, बयानों व दावों से परेशान हो उनके परिजनों ने लोगों से आग्रह किया है कि वे उन्हें (गिलानी) बख्शें और आधारहीन बयानबाजी से बाज आएं ताकि वह (परिजन) गिलानी की सेवा ठीक से कर सकें। गिलानी के परिजनों का यह गत सप्ताह सोशल मीडिया पर उनके नाम से वायरल हुए एक फर्जी पत्र के बाद आया है।
उक्त पत्र में दावा किया गया था कि सईद अली शाह गिलानी ने पाकिस्तान से नाराजगी जताते हुए निशान ए पाकिस्तान का सम्मान लेने से मना कर दिया है।गिलानी के पुत्र डा नईम गिलानी, नसीम गिलानी और दामाद जहूर उल हक ने आज एक साझा बयान जारी कर कहा कि सईद अली शाह गिलानी इस समय बहुत गंभीर अवस्था में हैं। उन्हें चौबीस घंटे इलाज चाहिए। उन्होंने अपनीपूरी जिंदगी अपनी राजनीतिक विचारधारा और कश्मीर के लिए कई कष्ट सहे हैं। उनकी मौजूदा हालत से उनकेचाहने वाले और उनके परिजनबहुत परेशान है। उन्हें व उनके परिजनों को कुछ राहत चाहिए ताकि सही तरीके से उनका उपचार व देखभालहो सकते।
गिलानी के पुत्रों और दामाद द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सईद अली शाह गिलानी एक राजनीतिक नेता हैं। प्रत्येक व्यक्तिको उनके निजी व राजनीतिकद मुद्दों के प्रति चिंता का हक है। उनके परिजनों की जिम्मेदारी है कि वे लगातार उनकी सेवा करें। हम लाेगों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति से लगातार अवगत रखेंगे। उनके राजनीतिक प्रतिनिधि अब्दुल्ला गिलानी हैं जो समय-समय पर राजनीतिक गतिविधियों पर बयान जारी करें। अपने बयान में गिलानी के परिजनों ने कहा कि बीते कुछ महीनों से पूरा परिवार अत्यंत परेशान है। एक तरफ गिलानी की हालत लगातार बिगड़ रही है। दूसरी तरफ कुछ शरारती तत्व अकारण ही परिजनाें को सियासी मामलों में घसीट रहे हैं। कई स्वार्थी तत्वों ने गिलानी की छवि बिगाड़ने के लिए एक दुष्प्रचार अभियान चला रखा है।
वह उनके नाम पर फर्जी पत्र, टिप्पणियां और बयानबाजी कर रहे हैं। उनके नाम पर अपनी कल्पना पर आधारित कहानियां गढ़ रहे हैं। इससे गिलानी साहब अत्यंत दुखी हैं। उनकी हालत भी इससे बिगड़ रही है। सोशल मीडिया पर अनावश्यक रुप से एक अभियान चलाकर पूरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। हम सभी से विशेषकर मीडिया से जुड़े लोगों से आग्रह करते हैं कि वे उनके स्वास्थ्य और उनके राजनीतिक मामलों पर ,उनके प्रतिनिधि से बातचीत किए बिना काेई खबर न फैलाएं।