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हताश युवा दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर ¨हसा की तरफ जाएंगे : उमर

राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार क

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 02:23 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 02:23 AM (IST)
हताश युवा दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर ¨हसा की तरफ जाएंगे : उमर

राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राज्य में बढ़ती आतंकी ¨हसा के लिए केंद्र व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हताश युवाओं को जब कोई दूसरा विकल्प नहीं मिलेगा तो वह ¨हसा की तरफ जाएंगे।

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शेरे कश्मीर भवन स्थित नेकां मुख्यालय में पार्टी की युवा इकाई के सम्मेलन के बाद उमर ने यह बात कही। सवर्णो के लिए आरक्षण राजनीतिक स्टंट

उमर ने सवर्णो के लिए आरक्षण को राजनीतिक स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद लोकसभा चुनावों में साख बचाने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। सियासी फायदे के लिए लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। आरक्षण का यह मामला सिर्फ राजनीतिक प्रपंच है। उमर ने कहा कि आपके पास पूर्ण बहुमत है और साढ़े चार साल तक आपको इस बिल की अहमियत संसद में समझ में नहीं आई और अचानक संसद के अंतिम सत्र में इसका ख्याल आ जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी सरकार ने आरक्षण देने का प्रयास किया है, उस आरक्षण की कोई संभावना नहीं हैं। आप जैसे ही आरक्षण कोटा और बढ़ाएंगे, सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश की अवज्ञा करेंगे क्योंकि 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। अगर सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों की अवज्ञा किए बिना आरक्षित वर्ग बढ़ाने का कोई तरीका है तो हम इस पर विचार करेंगे। अगर सही मायने में बिल लोगों के फायदे के लिए लाया गया होता तो पहले इस पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा कराई जाती। इस पर सभी को विश्वास मे लेने का प्रयास किया जाता। लोकसभा के अंतिम सत्र में इस बिल का लाना कई सवाल पैदा करता है। इसके कई दूरगामी परिणाम होंगे।

सोच विचार कर चुनावों से दूर रहने का किया था फैसला

पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग द्वारा निकाय व पंचायत चुनावों के बायकाट पर खेद जताने के संदर्भ में उमर ने कहा कि मैं बेग साहब की तरफ से नहीं बोल सकता। एक बात तय है कि नेकां ने तत्कालिक परिस्थितियों के आधार पर सोच विचार कर चुनावों से दूर रहने का फैसला किया था। अगर वैसे हालात भविष्य में दोबारा पैदा होंगे तो हम फिर चुनाव से दूर रहने का फैसला लेंगे।

अयोध्या मुद्दे पर डॉ. फारूक के बयान पर दी सफाई

अयोध्या मुद्दे पर अपने पिता डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बयान पर सफाई देते हुए उमर ने कहा कि डॉ. साहब के बयान को मीडिया ने सही तरीके से पेश नहीं किया है। उन्होंने कहा था कि अदालत के फैसले के खिलाफ नहीं जाया जा सकता। आप अदालत के फैसले का इंतजार करे। अध्यादेश की बात करना व्यर्थ है। सबरीमाला और ट्रिपल तलाक का जिक्र करते हुए उमर ने कहा आपने अदालत के फैसले को लेकर दोहरे मानदंड अपनाए हैं। सबरीमाला के फैसले पर आप इसे गलत मानते हैं और ट्रिपल तलाक पर स्वागत करते हैं। कश्मीर में नौजवानों में गुस्से के कारणों को समझना होगा

नौजवानों के आतंकी बनने की बढ़ती प्रवृत्ति पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आपको कश्मीर में नौजवानों में गुस्से के कारणों को समझना होगा। वह जो कर रहे हैं, मैं उसका समर्थक नहीं हूं लेकिन मैं इस बात का पूरा प्रयास कर रहा हूं कि आतंकवाद के पुनर्जन्म को समय रहते ही समाप्त कर दिया जाए। मैंने सियासी फायदे के लिए कभी आतंकवाद को सही नहीं ठहराया है। मैं हमेशा से ही कश्मीर को एक राजनीतिक समस्या मानता रहा हूं। कश्मीर मसले का बातचीत के जरिये सियासी समाधान जरूरी है, लेकिन जब आप राज्य व सत्ता को नकारते हैं, जब आप समस्या के राजनीतिक पहलू को नकारते हैं तो आप खुद ही कश्मीर में आतंकवाद के दोबारा जन्म की परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं। एक बात ध्यान रखें मैं कभी भी किसी भी तरह की ¨हसा को सही नहीं ठहराता।

कश्मीर में ऐसे हालात पैदा किए कि नौजवान आतंकी बने

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र व पूर्व राज्य सरकार की तरफ संकेत करते हुए कहा कि पहले आपने कश्मीर में ऐसे हालात पैदा किए कि नौजवान आतंकी बने। अब आप आतंकियों को मार रहे हैं। कुछ कहते हैं कि 1500 आतंकी मारे गए हैं तो कुछ 250 के मारे जाने का दावा कर रहे हैं। आप मार रहे हैं क्योंकि कश्मीर में आपके शासनकाल में ही दोबारा आतंकवाद पैदा हुआ है। हमारे दौरे में जम्मू कश्मीर में कुछ गिने चुने युवक ही आतंकी बने थे। आतंकरोधी अभियान भी बहुत कम हो गए थे क्योंकि आतंकी भी नाममात्र ही थे। आतंकियों को मारना आपकी मजबूरी है, लेकिन आतंकियों की मौत से कोई मसला हल नहीं होगा क्योंकि नए आतंकी बनेंगे। सेना ने भी माना है कि वह हालात को एक हद तक सामान्य बना सकते हैं और उसके बाद राजनीतिक प्रक्रिया ही जरूरी है। आपको जम्मू कश्मीर मसले को एक सही राजनीतिक प्रक्रिया से हल करना होगा।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक के कश्मीर को सामान्य बताने और देश के अन्य राज्यों में ज्यादा मौतों का जिक्र करने की तरफ ध्यान दिलाने पर उमर ने कहा कि अगर पटना की स्थिति कश्मीर से ज्यादा खराब है। वहां कश्मीर से ज्यादा लोग रोज मरते हैं तो इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना होगा, लेकिन जम्मू कश्मीर किसी भी तरह से देश के अन्य राज्यों की तरह नहीं है।

राज्य में विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर उमर ने कहा कि मैंने लोकसभा और राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ¨सह को यह बोलते हुए सुना है कि चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर में विधानसभा व लोकसभा चुनाव कराने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल उपलब्ध कराएगा। लेकिन यहां कई राजनीतिक नेता और अधिकारी अपनी जवाबदेही से बचने के लिए चाहते हैं कि चुनाव टल जाएं। हम चाहते हैं कि यहां यथाशीघ्र चुनाव कराए जाएं ताकि लोगों के लिए काम करने वाली सरकार बनाई जा सके।


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