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दोस्ती की शान, हिंदू बेटी बचाएगी मुस्लिम सहेली की जान

जिस जम्मू कश्मीर में कट्टरपंथी ताकतें ¨हदू-मुस्लिमों के बीच दरार ड

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:28 AM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 06:28 AM (IST)
दोस्ती की शान, हिंदू बेटी बचाएगी मुस्लिम सहेली की जान

अमित माही, ऊधमपुर :

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जिस जम्मू कश्मीर में कट्टरपंथी ताकतें ¨हदू-मुस्लिमों के बीच दरार डालने में लगी हैं। वहीं, एक ¨हदू बेटी अपनी मुस्लिम सहेली की जान बचाने के लिए उसे अपनी एक किडनी देगी। ऐसा फैसला कर उसने न केवल मानवता बल्कि ¨हदू-मुस्लिम भाईचारे की भी मिसाल पेश की है।

जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले के सब्जी मंडी इलाके में रहने वाली 23 वर्षीय मनजोत कोहली राजौरी जिले के जवाहर नगर में रहने वाली अपनी मुस्लिम सहेली 22 वर्षीय समरीन अख्तर को किडनी देगी। मनजोत पिछले कई वर्षो से समाज सेविका के तौर पर काम कर रही है। मगर अब वह समाज सेवा के क्षेत्र में उन सभी से आगे निकल गई है, जो अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए समाज सेवी संगठन बनाते हैं। फ सबुक के माध्यम से फिर सहेली से हुआ संपर्क :

मनजोत ने बताया कि वह समाज सेवी संगठन गार्ड ऑफ जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स के साथ जुड़ी है। वर्ष 2014-15 में वह एक कार्यक्रम के सिलसिले में जम्मू के गांधी नगर कॉलेज में गई। वहां उसे ग्रेजुएशन कर रही समरीन अख्तर मिली। उसने समरीन को अपने संगठन का जम्मू यूथ अध्यक्ष बनाया। इसके बाद वह दोनों अच्छी दोस्त बन गई। इसके बाद दोनों अपने-अपने घर चली गई और व्यस्तता के चलते दोनों में काफी समय से कोई संपर्क नहीं हुआ। करीब एक साल पहले साइलेंट बीपी की वजह से समरीना का रीनल फेलियर होने की वजह से उसकी दोनों किडनियां खराब हो गईं। उसका उपचार पिछले आठ-नौ महीने से श्रीनगर में सौरा अस्पताल में चल रहा है। मनजोत ने बताया कि दोनों की कॉमन फ्रेंड राबिया ने पांच-छह माह पहले फेसबुक पर समरीना की फोटो के साथ किडनी की जरूरत का पोस्ट किया। उसने उसे कॉल कर पूछा। जब उसे पता चला कि यह समरीना उसकी वही पुरानी सहेली है तो उसने समरीना को फोन कर अपनी किडनी देने की बात कही। मनजोत ने बताया कि परिवार में समरीना का ब्लड ग्रुप उसकी मां के साथ मैच करता है। पहले उसकी मां ने ही किडनी देने की इच्छा जताई, मगर उनकी किडनी में भी कुछ खराबी होने के वजह से डॉक्टरों ने मना कर दिया। समरीना के पिता राजौरी में दर्ज के काम करते हैं। परिवार को मनाना कठिन था, पर अब वह मेरा साथ हैं :

मनजोत ने कहा कि अपने परिवार को किडनी देने के लिए मनाना कठिन था, मगर उनके पिता गुरदीप ¨सह ¨पका उसे हमेशा इस तरह से फैसलों के लिए प्रोत्साहित करते थे। इसलिए समझाने पर मान गए। उनके पिता की ऊधमपुर में कपड़ों की दुकान है। मनजोत ने कहा कि वह पिछले चार महीने से वह श्रीनगर में अपनी सहेली के पास ही है। एक दो दिन में पिता भी श्रीनगर आ रहे हैं। सारे टेस्ट हो चुके हैं, अब ऑपरेशन की तारीख मिलने का ही इंतजार है। समरीना के पिता बोले, अब मेरी दो बेटियां हैं :

समरीना अख्तर के पिता मुख्तार अहमद ने कहा कि मनजोत उनके लिए खुदा का भेजा हुआ फरिश्ता है। इस दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग हैं। मगर खुदा ने उसमें से मनजोत को चुन कर भेजा है। मनजोत ने जो किया, शायद कोई उसका अपना भी नहीं करता। उम्र में छोटी होने के बावजूद मनजोत का दिल बहुत बड़ा है। खुदा ने आज मनजोत के रूप में हमें दूसरी बेटी दी है। अब उनकी दो बेटियां हैं एक समरीन और दूसरी मनजोत। सभी लोग खुदा से दोनों बच्चियों के ऑपरेशन के बाद जल्द स्वस्थ होने की फरिदाय करें। 'ऑपरेशन के सभी परिणामों से मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं। मगर केवल इसी डर से वह अपनी दोस्त को मरने नहीं दे सकती। मैं अपनी दोस्त को फिर से ठीक देखना चाहती हूं।'

-मनजोत कोहली


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