Jammu Kashmir: स्पोटर्स काउंसिल की वेबसाइट पर अभी भी पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक प्रधान
जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल के सचिव डॉ नसीम जावेद चौधरी का कहना है कि यह वेबसाइट अब स्पोटर्स काउंसिल की नहीं है। इसे बंद कर दिया गया है।
जम्मू, विकास अबरोल: जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल की ओर से इस समय प्रदेश के प्रत्येक जिलों में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत खेलों का आधुनिक ढांचा तैयार किया जा रहा है लेकिन स्पोटर्स काउंसिल के अधिकारियों के पास वेबसाइट को अपडेट करने का समय तक नहीं है। ऑलम यह है कि स्पोटर्स काउंसिल की वेबसाइट अभी भी पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पूर्व सलाहकार के विजय कुमार को काउंसिल का प्रधान और उपप्रधान दर्शा रही है।
आजकल हर कोई गूगल सर्च इंजन में जाकर किसी भी विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर विभाग संबंधी तमाम जानकारियां हासिल कर सकता है लेकिन जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल की वेबसाइट तो स्वयं ही बीमार है। जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल के संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री और खेलमंत्री काउंसिल के प्रधान और उपप्रधान होते हैं जबकि केंद्र शासित प्रदेश बन जाने की सूरत में उपराज्यपाल प्रधान और उपराज्याल के सलाहकार जिनके पास खेल विभाग हो, को उपप्रधान बनाया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल ने भी यहीं किया राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को प्रधान और पूर्व सलाहकार के विजय कुमार को वेबसाइट पर उपप्रधान दर्शा तो दिया लेकिन अब इनको बदले हुए करीब एक वर्ष का समय बीत चुका है।
इससे बड़ी नालायकी क्या होगी कि अभी भी स्पोटर्स काउंसिल की वेबसाइट के अनुसार, काउंसिल के प्रधान सत्यपाल मलिक और उपप्रधान के विजय कुमार ही हैं।यहां यह बताना जरूरी है कि केंद्रशासित प्रदेश बनने के उपरांत पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के उपरांत गत महीने पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू द्वारा त्यागपत्र देने के उपरांत प्रदेश के नए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पद्भार संभाले हुए एक महीने से भी अधिक का समय गुजर चुका है और उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान के अधीन खेल विभाग है लेकिन स्पोटर्स काउंसिल की ओर से वेबसाइट को एक वर्ष से अपडेट नहीं करना, विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा देती हैै।
इस संबंध में जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल के सचिव डॉ नसीम जावेद चौधरी का कहना है कि यह वेबसाइट अब स्पोटर्स काउंसिल की नहीं है। इसे बंद कर दिया गया है। वास्तविक स्थिति यह है कि अगर गूगल सर्च इंजन पर जाएं तो यही वेबसाइट स्पोटर्स काउंसिल की अधिकारिक वेबसाइट होने का दावा करती है।