पहली बार श्रीनगर शहर में की गई महिला सीआरपीएफ तैनाती
पथराव और हिंसाा से निपटने के लिए आवश्यक साजो सामान से लैस महिला कर्मियों को देखकर स्थानीय लोग भी हैरान थे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहली बार महिला सीआरपीएफ कर्मियों को भी उतारा गया है। रसाना मामले को लेकर चल रहे हिंसक प्रदर्शनों में छात्रओं की लगातार बढ़ती भागीदारी को देखते हुए सोमवार को सीआरपीएफ महिला कर्मियों की तैनाती की गई।
महिला कर्मी मौलाना आजाद रोड पर महिला कॉलेज के सामने रीगल चौक में तैनात की गई थीं। पथराव और हिंसाा से निपटने के लिए आवश्यक साजो सामान से लैस महिला कर्मियों को देखकर स्थानीय लोग भी हैरान थे। रीगल चौक में स्थित शाजाह बेकरी के मालिक ने कहा कि सीआरपीएफ की महिला असिस्टेंट कमांडेंट, कमांडेंट और डीआइजी को हमने पहले कानून व्यवस्था की ड्यूटी से आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेते हुए देखा है। महिला सीआरपीएफ कर्मियों को इस तरह पहली बार ही देखा है।
कश्मीर में सीआरपीएफ एक महिला बटालियन कई वर्षे से तैनात है। सीआरपीएफ की महिला कर्मियों की सेवाएं सिर्फ एयरपोर्ट समेत राज्य व केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और कार्यालयों में आने जाने वाली महिलाओं की निगरानी और तलाशी के लिए ही ली जाती रही है। सोमवार को महिला सीआरपीएफ कर्मियों को श्रीनगर में कहीं भी छात्रओं पर बल प्रयोग नहीं करना पड़ा। सोमवार को छात्राएं सिर्फ नारेबाजी तक ही सीमित रही। सीआरपीएफ के प्रवक्ता राजेश यादव ने बताया कि श्रीनगर में छात्रओं के हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए प्रशासन ने सीआरपीएफ से महिला सीआरपीएफ कर्मियों की कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखते हुए छात्रओं को हिंसा से दूर रखने के लिए सेवाएं उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया था।
इसलिए एक दल को रीगल चौक में राज्य पुलिस की महिला कर्मियों के साथ तैनात किया था। महिलाकर्मी भी कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने, दंगाइयों से निपटने व ऑपरेशनल ड्यूटी में प्रशिक्षित हैं। राज्य सरकार के आग्रह पर आगे भी महिला सीआरपीएफ कर्मियों की सेवाएं कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी।