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अब जम्मू कश्मीर की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी 15 साल पुरानी बसें, नई खरीदने के लिए मिलेगी पांच लाख सब्सिडी

वर्ष 2019-20 के बजट में निजी क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट चालकों द्वारा पुरानी बसों को बदलने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 11:00 AM (IST)
अब जम्मू कश्मीर की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी 15 साल पुरानी बसें, नई खरीदने के लिए मिलेगी पांच लाख सब्सिडी
अब जम्मू कश्मीर की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी 15 साल पुरानी बसें, नई खरीदने के लिए मिलेगी पांच लाख सब्सिडी

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर सरकार ने राज्य में सड़क हादसे रोकने और प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब 15 साल पुरानी बसें सड़कों पर नहीं चलेंगी, क्योंकि बुधवार को नयी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी योजना लागू कर दी गई। इस योजना के तहत संबंधित बस मालिकों व ट्रांसपोर्टरों को 15 साल या उससे पुरानी सभी बसों को बदलकर नई खरीदने के लिए पांच लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। पुरानी बस को नष्ट कर दिया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक सरकार के फैसले से लगभग आधी बसें बाहर हो जाएंगी। फिलहाल, यह योजना सिर्फ बसों के लिए है, लेकिन निकट भविष्य में यह मिनीबसों (मेटाडोर) के लिए भी लागू की जा सकती है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में हर साल करीब एक हजार लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है।

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परिवहन विभाग के प्रधान सचिव असगर सामून ने बुधवार को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी योजना को लागू करने का आदेश जारी करते हुए बताया कि इससे सार्वजनिक परिवहन सेवा बेहतर होगी। ट्रांसपोर्टरों को बीएस-4 और उससे ऊपर के नियमों के मुताबिक, कम ईंधन खर्च करने वाले पर्यावरण अनुकूल बसों को खरीदे के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इससे ट्रैफिक जाम, भीड़, सड़क हादसे और प्रदूषण की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी। यह योजना राज्य में बढ़ते निजी वाहनों विशेषकर कारों, वाहन पार्किंग की बढ़ती समस्या और सड़कों की घटती जगह से जुड़े मद्दों को हल करने में भी मदद करेगी। बता दें कि वर्ष 2019-20 के बजट में निजी क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट चालकों द्वारा पुरानी बसों को बदलने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इन शर्तों को पूरा करने वालों को मिलेगी सब्सिडी : डॉ. असगर सामून ने कहा कि इस योजना में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हम एक खुला विज्ञापन जारी करेंगे, ताकि इच्छुक ऑपरेटर सब्सिडी का लाभ ले सकें। यह सब्सिडी उन्हीं को मिलेगी जिन्हें मूल पूंजी जुटाने के लिए कर्ज की जरूरत है। राज्य प्रदूषण बोर्ड ही वाहन की आयु को प्रमाणित करेगा। सब्सिडी का लाभ लेने वाले ट्रांसपोर्टरों को कम से कम पांच साल तक चिन्हित रुट पर ही बस चलानी होगी, और संबंधित आरटीओ हर छह माह बाद इसकी पुष्टि की एक रिपोर्ट भी जमा करेगा। लाभान्वित ऑपरेटर को सरकारी फीस, टोकन टैक्स, यात्री टैक्स, फिटनेस फीस, बैंक देयता को चुकता करने के अलावा बीमा प्रमाणपत्र सहित एक वैध रूट परमिट भी प्रस्तुत करना होगा। जिस पुरानी बस को बदलने के लिए इस योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त की जाएगी, उस बस को संबंधित अधिकारियों द्वारा पहले कंडम व कबाड़ बनाया जाएगा। उसके बाद वाहन का पंजीकरण रद होगा। इसके बाद ही सब्सिडी का लाभ मिलेगा।

अनुबंध के बाद तीन माह का समय वाहन खरीदने को मिलेगा : इस योजना के तहत लाभान्वित को संबंधित बैंक के साथ कर्ज का अनुबंध तय करने के बाद तीन माह का समय वाहन खरीदने को मिलेगा और सब्सिडी की राशि बैंक को जारी की जाएगी। नियमित अंतराल पर इस योजना की समीक्षा के लिए जम्मू और कश्मीर प्रांत के लिए अलग-अलग समितियां बनेंगी। दोनों समितियों की अध्यक्षता परिवहन विभाग के प्रधान सचिव करेंगे। समिति में परिवहन आयुक्त जम्मू कश्मीर भी होंगे। जम्मू प्रांत की समिति में आरटीओ जम्मू, और कश्मीर प्रांत की समिति में आरटीओ कश्मीर बतौर सदस्य सचिव शामिल रहेंगे। समिति इस योजना के लाभान्वितों को चिन्हित करने के अलावा उनकी सूची को अंतिम रूप देगी। इसके अलावा यह समीति डीजल से चलने वाले किसी भी सार्वजिनक वाहन (जिसमें मेटाडोर भी शामिल होंगी) को इस योजना का लाभ देने का फैसला ले सकती है।

उप समिति देखेगी कि 15 साल पुरानी बसें न चलें : इस योजना के तहत परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में एक उप समिति भी बनायी जाएगी। यह समिति इस बात को यकीनी बनाएगी कि जम्मू कश्मीर में कहीं भी 15 साल पुरानी बसें न चलें और इन बसों को निर्धारित समयावधि में ट्रांसपोर्टर इन्हें कबाड़ बनाकर नष्ट करें। उपसमिति में निदेशक मोटर गैराज, प्रबंध निदेशक जेकेएसआरटीसी और श्रीनगर व जम्मू के आरटीओ भी होंगे।


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