Article 370 जम्मू कश्मीर में 15 हजार सक्रिय सदस्य भाजपा को बनाएंगे मजबूत
जम्मू कश्मीर में भाजपा को जमीनी सतह पर मजबूत करने की जिम्मेदारी 15 हजार सक्रिय कार्यकर्ताओं के कंधे पर होगी। नई इकाई के गठन में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
जम्मू, विवेक सिंह। जम्मू कश्मीर में भाजपा को जमीनी सतह पर मजबूत करने की जिम्मेदारी 15 हजार सक्रिय कार्यकर्ताओं के कंधे पर होगी। ये कार्यकर्ता न सिर्फ भाजपा की नई इकाई के गठन में निर्णायक भूमिका निभाएंगे बल्कि उनमें से ही चुने जाने वाले नेता मंडल से लेकर राज्य इकाई तक पदाधिकारी भी बनेंगे।
इस समय प्रदेश भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता चुने जाने की प्रक्रिया जारी है और इस माह के अंत तक उन्हें चुनने के बाद वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। प्रदेश भाजपा का संगठनात्मक चुनाव 11 सितंबर को बूथ स्तरीय चुनाव करवाने के साथ शुरू हुआ था। यह प्रक्रिया दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में संपन्न होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बूथ के चुनाव के लिए सक्रिय सदस्यों की जरूरत नहीं है। इस समय बूथ के कार्यकर्ता समन्वय बनाकर अपने में से बूथ प्रधान चुन रहे हैं। यह प्रक्रिया भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की देखरेख में जारी है। वहीं, अक्टूबर में मंडल के चुनाव में मंडल प्रधान बनाने के लिए प्रदेश भाजपा के सक्रिय सदस्यों का फैसला ही मान्य होगा।
संगठनात्मक चुनाव के राज्य प्रभारी विरेन्द्रजीत सिंह ने बताया कि अक्टूबर से भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की गति जोर पकड़ लेगी। इस समय सक्रिय सदस्य चुनने के बाद उनकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी है। सितंबर के अंत तक सभी सक्रिय सदस्यों को चुन लिया जाएगा। सक्रिय सदस्य होने के लिए जरूरी है कि उन्होंने सौ से अधिक सदस्य बनाए हों। इसके साथ ही पार्टी कार्यक्रमों के आयोजन में भी उनकी भूमिका अहम होनी चाहिए।
इसी बीच सक्रिय सदस्य 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच मंडल प्रधान चुनेंगे। वहीं, चुने गए मंडल 11 नवंबर से 30 नवंबर तक चुनावी प्रक्रिया में जिला प्रधानों को चुनेंगे। जिला प्रधानों के एक से 15 दिसंबर के बीच प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष चुनने के साथ चुनाव संपन्न हो जाएगा।
सक्रिय सदस्य ही बनते हैं सांसद, विधायक व पदाधिकारी
भाजपा कार्यकर्ताओं को अपनी रीढ़ की हड्डी मानती है। पार्टी में सक्रिय सदस्य ही सांसद, विधायक व पदाधिकारी बनते हैं। ऐसे में जमीन पर आधार रखने वाले कार्यकर्ताओं के लिए आगे बढ़ने के बहुत अवसर होते हैं। कोई भी अहम जिम्मेदारी देने से पहले भाजपा में यह सुनिश्चित किया जाता है कि उस कार्यकर्ता ने जमीन पर पार्टी को मजबूत बनाने में क्या भूमिका निभाई है।
विधानसभा व संसदीय चुनाव में भी नेताओं के पैनल में से किसी एक नाम को फाइनल करते समय यही देखा जाता है कि सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में वह कितना कामयाब रहे। भाजपा में अन्य पार्टियों से आए कार्यकर्ताओं को भी आगे बढ़ने का मौका मिलता है। उन्हें जमीनी स्तर पर काम कर यह साबित करना पड़ता है कि वह हर लिहाज से पार्टी में आगे बढ़ने के हकदार हैं। मानकों पर खरा उतरने के बाद उन्हें अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं।