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हम दो-हमारा एक की नीति पर चल रहा जम्मू-कश्मीर, शहरी क्षेत्रों में लोग एक बच्चे की नीति की तरफ बढ़ रहे

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर देश में इकलौता केंद्र शासित प्रदेश है जो मुस्लिम बाहुल है। यहां प्रजनन दर लगातार कम हो रही है। करीब पांच साल पहले यहां प्रजनन दर दो थी। लोग हम दो हमारे दो की सरकार की नीति को अपनाते थे। प्रजनन दर सिर्फ 1.4 रह गई।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 10:08 AM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 10:09 AM (IST)
अधिकारी कम प्रजनन दर पर संतुष्ट भी हैं, लेकिन भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर देश में इकलौता केंद्र शासित प्रदेश है जो मुस्लिम बाहुल है। यहां प्रजनन दर लगातार कम हो रही है। करीब पांच साल पहले यहां प्रजनन दर दो थी। लोग हम दो हमारे दो की सरकार की नीति को अपनाते थे। अब यह प्रजनन दर सिर्फ 1.4 रह गई है। अर्थात अब जम्मू-कश्मीर में एक परिवार के दो बच्चे भी नहीं हैं। लोग एक बच्चे की नीति की तरफ बढ़ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में अधिक असर है। अधिकारी कम प्रजनन दर पर संतुष्ट भी हैं, लेकिन भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं।

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परिवार कल्याण विभाग तथा नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में शहरी क्षेत्रों में प्रजनन दर मात्र 1.2 फीसद रह गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 1.5 फीसद है। जम्मू कश्मीर की कुल प्रजनन दर 1.4 है।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है।लद्दाख में पांच साल पहले 2015-16 में प्रजनन दर 2.3 थी। वहां पर हम दो हमारे दो की नीति पर लोग चलते थे, लेकिन अब प्रजनन दर मात्र 1.3 फीसद रह गई है, जो जम्मू कश्मीर से भी कम है। यहां पर शहरी क्षेत्रों 1.4 फीसद तो ग्रामीण क्षेत्रों में 1.3 फीसद रह गई है। ऐसा पहली बार है कि दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में प्रजनन दर इतनी कम हुई है। परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार लगातार कम हो रही जनसंख्या के लिए तो अच्छी है, लेकिन भविष्य के लिए चुनौती भी बन सकती है।

भविष्य में हो सकती है युवा शक्ति की कमी : पूर्व निदेशक

परिवार कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक डा. बलदेव राज शर्मा के अनुसार, जम्मू कश्मीर दो बच्चों की नीति पर काम कर रहा था, लेकिन अब ताजा आंकड़ों से यह साफ है कि एक बच्चे की नीति पर आगे बढ़ रहा है। फिलहाल तो इसकी कोई समस्या नहीं आएगी। अभी जनसंख्या वृद्धि दर पर रोक लगेगी, लेकिन आने वाले वर्षों में युवा शक्ति की कमी हो सकती है। चीन जैसे देशों ने भी अपनी एक बच्चे की नीति को वापस ले लिया है।

परिवार नियोजन पर बेहतर काम कर रहा जम्मू कश्मीर : महानिदेशक

परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. सलीम-उर-रहमान के अनुसार, समय के साथ लोगों में जागरूकता आई है। कई लोग अपने करियर को संवारने के लिए देरी से शादी करते हैं। एक बच्चे की नीति पर ही चल रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रजनन दर पर काफी समय से अच्छा काम कर रहा है। हमें पुरस्कार मिल चुके हैं। डा. सलीम भी यह मानते हैं कि आने वाले समय में अगर प्रजनन दर और कम होती है तो दिक्कत आ सकती है, लेकिन अभी इसमें कई वर्ष लगेंगे। जम्मू-कश्मीर परिवार नियोजन पर बेहतर काम किया है।

नवजात मृत्यु दर 9.5 फीसद :

जम्मू-कश्मीर में नवजात मृत्यु दर 9.5 फीसद है। शहरी क्षेत्रों में 7.5 फीसद और ग्रामीण क्षेत्रों में 10.5 फीसद है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर 16.3 फीसद है। इसमें शहरी क्षेत्रों में 14.7 फीसद और ग्रामीण क्षेत्रों 16.7 फीसद है। पांच साल से कम आयु वर्ग में मृत्यु दर 18.5 है। इसमें शहरी क्षेत्रों में 15.7 और ग्रामीण क्षेत्रों में 19.4 है। इसी तरह यहां पर औसत आयु 74 वर्ष है जो देश में केरल और दिल्ली के बाद सबसे अधिक हैं।


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