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Jammu: फैंसर जसदेव सिंह ने साई में जगह बनानें का श्रेय कोच रचना जम्वाल को दिया

फैंसर जसदेव सिंह जम्मू-कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल में फैंसिंग कोच रचना जम्वाल से प्रशिक्षण ले रहें हैं।वहीं उनकी कोच का कहना है कि गगनदीप मेहनती खिलाड़ी है। उसने जम्मू कश्मीर का ही नही बल्कि खेल जगत में नाम कमाया है। रचना ने फैंसर को 14 घंटों तक रोजान प्रशिक्षित किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 02:07 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 02:07 PM (IST)
Jammu: फैंसर जसदेव सिंह ने साई में जगह बनानें का श्रेय कोच रचना जम्वाल को दिया
रचना कहती है उन्हें सम्पर्णभाव की प्रेरेणा अपने स्वर्गीय पिता सतिंद्र सिंह जम्वाल और मां विजय लक्ष्मी से मिली।

जम्मू, जागरण संवाददाता: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उभरते फेंसर जसदेव सिंह ने प्रदेश का नाम रोशन कर राष्ट्रीय स्तरीय स्पोर्टस केंद्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद के स्पोर्टस अर्थाटी ऑफ इंडियां (साई) में भी अपनी जगह बना ली। 14 वर्षीय जसदेव सिंह की शानदार फैंसिंग प्रतिभा को देखते हुए उन्हें वर्ष 2019-20 में 65वें नेशनल स्कूल आफ गेम्स जो गुजरात के नादियाद में आयोजित हुई थी में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

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जिसके बदौलत उन्हाेंने राष्ट्रीय स्तरीय स्पोर्टस केंद्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद के स्पोर्टस अर्थाटी आफ इंडियां में भी अपनी जगह बना ली।तीरंनदाजी में उनकी कोच रचना जम्वाल को भी परशुराम अवार्ड से सम्मानित किया गया।उनके एक छात्र मौहम्मद तारिक को भी शेर-ए-कश्मीर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

परशुराम अवार्ड से सम्मानित रचना जम्वाल का कहना है कि इस अवार्ड का श्रेय उनके स्वर्गीय पिता सतिंद्र सिंह और मां विजय लक्ष्मी को जाता है, जिन्होंने पूरी लग्न और निष्ठा से उन्हें खेलों के लिए प्रोत्साहित किया। आज उन्हीं की वजह से वह इस मुकाम पर पहुंची हूं और अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने में प्रत्यनशील हूं।

फैंसर जसदेव सिंह जम्मू कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल में फैंसिंग कोच रचना जम्वाल से प्रशिक्षण ले रहें हैं।वहीं उनकी कोच रचना जम्वाल का कहना है कि गगनदीप मेहनती खिलाड़ी है। उसने जम्मू कश्मीर का ही नही बल्कि खेल जगत में नाम कमाया है। रचना ने फैंसर को 14 घंटों तक रोजान प्रशिक्षित किया। रचना कहती है उन्हें सम्पर्णभाव की प्रेरेणा अपने स्वर्गीय पिता सतिंद्र सिंह जम्वाल और मां विजय लक्ष्मी से मिली। 


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