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Jammu and Kashmir : फारूक ने कहा- हमें हक की वापसी के लिए रास्ता खुद बनाना होगा

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा किनेशनल कांफ्रेंस ने हमेशा जम्मू-कश्मीर को मुश्किल से मुश्किल दौर से निकाला है। अब फिर से हमें वो रास्तों खोजना होगा जिससे हमारे हक वापस मिल सके। यहां के लोगों की खुशियां वापस हों।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:18 PM (IST)
Jammu and Kashmir : फारूक ने कहा- हमें हक की वापसी के लिए रास्ता खुद बनाना होगा
फारूक अब्दुल्ला ने कहा आज के बाद नेकां का रेजुलेशन डोगरी में पास होगा। डोगरी में बात करो।

जम्मू, जागरण संवाददाता : शेर-ए-कश्मीर भवन में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद समस्याएं लगातार बढ़ी हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने हमेशा जम्मू-कश्मीर को मुश्किल से मुश्किल दौर से निकाला है। अब फिर से हमें वो रास्तों खोजना होगा, जिससे हमारे हक वापस मिल सके। यहां के लोगों की खुशियां वापस हों।

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हमारी बातें केंद्र समझ आएंगी, लेकिन उस समय पानी सिर से निकल चुका होगा। हमें पाकिस्तानी बताया गया, लेकिन सच्चाई यह है कि हमने हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने देश के खिलाफ नारा नहीं लगाया। कभी ग्रेनेड नहीं फेेंका, कभी पत्थर नहीं उठाया, लेकिन जो दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी कम करने के दावे करते थे, वह बताए कि दूरी बढ़ी है या कम हुई है।

डा. फारूक ने कहा कि जो मां-बाप कर्जा लेकर बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं कि बच्चा नौकरी करेगा, आज उनके सपनों का क्या हुआ। गरीब की उम्मीदें जब टूटती है, तो आह निकलती है, जो किसी को माफ नहीं करती। याद रखें कि देश को जनता ही बचा सकती है। बड़े-बड़े दावे ठोकने वालों से बच कर रहें। यह गरीब का बच्चा ही है जो एक तरफ चीन से लड़ रहा है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान से जूझ रहा है।

डोगरी में निकलेगा नेकां का रेजुलेशन : नेशनल कांफ्रेंस छोड़ कर डोगरा, डोगरी करने वालों का नाम न लेते हुए कटाक्ष किया कि आज वह कहा हैं। जब हम कुर्सी पर थे तो लोग पैरों में पड़ते थे। कहते थे, यह हमारा अन्नदाता है। कुर्सी से हटते ही बात करने से डरते थे कि कोई दूसरा देख न रहा हो। उन्होंने कहा कि आज के बाद नेकां का रेजुलेशन डोगरी में पास होगा। डोगरी में बात करो। पंजाबी आपकी पहचान है। आप रियासत का हिस्सा हो। पहाड़ी को मजबूत करो।छाना को मजबूत करो। कोई जुबान देश की दुश्मन नहीं है, जिससे आपकी संस्कृति का विकास संभव हो उस भाषा के लिए काम करो।

नशा बेचने वालों काे बताया देश का दुश्मन : डा. फारूक अब्दुल्ला ने नशा बेचने वालों का देश का, कोम का दुश्मन बताते हुए शराब के ठेके देने के नाम पर सरकार पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। डा. फारूक कहा कि उन्होंने कभी शराब का पैसा नहीं खाया, लेकिन इस सरकार ने नए लोगों को लाने के लिए पुराने दुकानदारों से उनका रोजगार छीन लिया।

गरीबों की शिक्षा पर ध्यान दो : डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर शिक्षा के क्षेत्र में बुरी तरह से पिछड़ा है। कोरोना के चलते पढ़ाई के नाम पर जो चल रहा है। उसमें गरीब बच्चों का भविष्य खतरे में है। उनके पास न मोबाइल हैं और न नेट। न उन्हें कोई समझाने वाला है और न पढ़ाने वाला। उपराज्यपाल इस बात का ध्यान रखें कि पढ़ना गरीब का भी अधिकार है। आज तक शिक्षा का क्षेत्र अछूता क्यों है। समझ नहीं आ रहा।

पार्टी की मजबू्ती के लिए जज्बा जरूरी : शेर-ए-कश्मीर भवन में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए जरूरी है कि पार्टी का हर कार्यकर्ता एक जज्बा के साथ काम करे। नए पदाधिकारी पुराने नेता हैं।उनका जोश देखकर साफ है कि पार्टी पहले से ज्यादा मजबूती के साथ उभरेगी।


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